पेरेंट बनना हर कपल का सपना होता है, लेकिन खासकर महिलाओं के लिए यह उनकी ज़िंदगी का सबसे खास और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
मातृत्व के लिए महिलाएं हमेशा मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहने की कोशिश करती हैं, और यह सुनिश्चित करती हैं कि उनका पेरेंट बनने का सफर सरल और सुचारू हो।
लेकिन यह खास सफर कुछ अनदेखी समस्याओं के कारण मुश्किल बन सकता है। ऐसी अनदेखी समस्याओं में से एक है फाइब्रॉइड। फाइब्रॉइड मतलब(Fibroid Meaning in Hindi) – गर्भाशय की दीवार में बनने वाली गाँठ, जिसे हिंदी में गर्भाशय की रसौली भी कहते हैं।
फाइब्रॉइड नॉन-कैंसरस टिशूज़ होते हैं, जो सही डायग्नोसिस और उपचार के द्वारा ठीक हो सकते हैं।
Yaami Fertility Center की expert Dr. Swati Singh, FRM, DRM Germany, का अपने 17 वर्षो के अनुभव के बाद कहना है कि यदि फाइब्रॉइड के बारे में सही जानकारी हो तो आप समय रहते इसका पता लगा सकते हैं और motherhood achieve कर सकते हैं।
इस ब्लॉग के द्वारा हम विस्तार से जानेंगे कि Fibroid Meaning in Hindi, ये कैसे होता है और कैसे इसका पता लगाके गर्भधारण को संभव बनाया जा सकता है।
फाइब्रॉइड (Fibroid) क्या है? (Fibroid Meaning in Hindi)

फाइब्रॉइड गर्भाशय की मसल्स में मौजूद नॉन-कैंसरस ग्रोथ होती हैं। इन्हें हिंदी में रसौली, तंतु या गर्भाशय की गाँठ जैसे नामों से भी जाना जाता है। भारत की महिलाओं में फाइब्रॉइड की समस्या काफी आम है।
International Journal of Reproduction Contraception, Obstetrics and Gynecology में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फाइब्रॉइड की समस्या सबसे अधिक 31-40 वर्ष की महिलाओं में है, जहाँ 34% से 43% तक महिलाओं को यह समस्या है.
ज्यादातर यह उन महिलाओं को होती है जिनमें एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होती है।
हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए फाइब्रॉइड का असर कितना कम या ज्यादा होगा, यह उस पर निर्भर करता है।
फाइब्रॉइड के प्रकार (Types of Fibroids)

फाइब्रॉइड के प्रकार उसकी स्थिति (place) के अनुसार होते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन से प्रकार के फाइब्रॉइड होते हैं और कहाँ होते हैं।
1. Intramural Fibroid: यह सबसे कॉमन प्रकार का फाइब्रॉइड होता है, जो गर्भाशय की दीवारों में फिक्स होता है।
2. Submucosal Fibroid: यह गर्भाशय की अंदर वाली लेयर पर होते हैं और आकार में छोटे होते हैं।
3. Subserosal Fibroid: यह गर्भाशय की बाहरी सतह पर मौजूद होते हैं और समय के साथ बढ़ते रहते हैं।
4. Pendunculated Fibroid: यह डंट (stem) से जुड़े फाइब्रॉइड होते हैं, जैसे मशरूम की तरह। इनकी मोबिलिटी ज्यादा होती है, जिससे दर्द हो सकता है।
5. Cervical Fibroid: Cervical Fibroid Uterus की neck अर्थात cervix में होते हैं हालांकि ये बहुत कम अवस्था में होते हैं।
फाइब्रॉइड के लक्षण (Symptoms)
हालांकि doctors द्वारा जांच से ही पता लगाया जाता है कि Fibroids की समस्या है या नही परन्तु इसके कुछ साधारण लक्षण भी होते हैं जिनसे आप Fibroid का पता लगा सकते हैं।
कुछ आम लक्षण:
- पेट में सूजन या भारीपन महसूस होना।
- पैरों या पेल्विक एरिया में दर्द।
- यौन संबंध के दौरान दर्द।
- बार-बार पेशाब आना।
- थकान और एनीमिया जैसी समस्याएँ।
- पीरियड्स में अत्यधिक रक्तस्राव।
कारण एवं जोखिम कारक (Causes & Risk Factors)
आम तौर पर फाइब्रॉइड होने का कोई निश्चित कारण नहीं होता। लेकिन कुछ कारण इसे बढ़ावा दे सकते हैं:
1. हॉर्मोनल इम्बैलेंस (Hormonal Imbalance): एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय की लाइनिंग को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके असंतुलन से टिशूज़ अनियमित रूप से बढ़ने लगते हैं और फाइब्रॉइड विकसित हो जाता है।
2. जेनेटिक फैक्टर्स (Genetic Factors): अगर परिवार में मां या बहन को फाइब्रॉइड की समस्या रही हो, तो इसके होने की संभावना ज्यादा होती है।
3. मोटापा (Obesity): जंक और ऑयली फूड का सेवन, एक्सरसाइज ना करना मोटापे को बढ़ावा देता है। इसके कारण एस्ट्रोजन बढ़ता है और फाइब्रॉइड हो जाता है।
4. उम्र, फैमिली हिस्ट्री और अन्य बीमारियाँ: जिन महिलाओं की उम्र अधिक हो या जिनके परिवार में पहले से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ रही हों, फाइब्रॉइड होने का जोखिम बढ़ जाता है।
फाइब्रॉइड का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis)
किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पहले पूरी तरह जांच करना आवश्यक होता है। फाइब्रॉइड का निदान डॉक्टर के फिजिकल चेकअप और मेडिकल टेस्ट्स से होता है।
1. Physical Check-up: डॉक्टर पेल्विक की जांच करके पता लगाते हैं कि कोई असामान्य ग्रोथ है या नहीं।
2. Ultrasound: सबसे आसान और सरल टेस्ट। इससे फाइब्रॉइड का आकार, स्थान और संख्या स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
3. MRI: यदि फाइब्रॉइड का आकार बहुत बड़ा या कई हैं, तो MRI के माध्यम से सटीक जानकारी मिलती है और उपचार की योजना बनाना आसान होता है।
4. Other Tests: Hysterosonography/Sonohysterography या Hysterocopy जैसी अन्य तकनीकों से भी Fibroid की स्थिति का पता किया जा सकता है। इसमें गर्भाशय में फ्लुइड डालकर अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
इलाज के विकल्प (Treatment Options)
Dr. Swati Singh का कहना है कि महिलाएं फाइब्रॉइड होने के बाद भी आसानी से बच्चा कंसीव कर सकती हैं क्योंकि इसका सरल उपचार उपलब्ध है।
1. दवाइयाँ (Medications): दवाइयाँ फाइब्रॉइड का आकार अस्थायी रूप से घटा देती हैं और दर्द व ब्लीडिंग को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
2. हॉर्मोनल थेरेपी (Hormonal Therapy): इसमें फाइब्रॉइड को टार्गेट करके उसकी ग्रोथ को प्रभावित किया जाता है। मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन फाइब्रॉइड के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
3. सर्जरी (Myomectomy, Hysterectomy):
- Myomectomy: केवल फाइब्रॉइड को हटाया जाता है, गर्भाशय सुरक्षित रहता है।
- Hysterectomy: पूरा गर्भाशय निकाल दिया जाता है। यह केवल गंभीर मामलों में किया जाता है, जब महिला भविष्य में गर्भवती नहीं होना चाहती।
4. लाइफस्टाइल बदलाव: नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली फाइब्रॉइड जैसी समस्याओं को दूर रखती है। मेडिटेशन और स्ट्रेस कम करना भी मददगार होता है।
कब इलाज ज़रूरी है:
Fibroid की कारण महिलाओं को कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे-
- अत्यधिक पीरियड ब्लीडिंग के कारण एनीमिया।
- असहनीय पीठ और पेल्विक दर्द।
- दवाओं का असर न होना।
सही समय पर इलाज न कराने से फाइब्रॉइड का आकार बढ़ सकता है और फलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का खतरा बढ़ सकता है जिससे आपका गर्भधारण मुश्किल हो सकता है। इसलिए समय रहते डॉक्टर से परामर्श लें।
बचाव और देखभाल (Prevention & Care)
स्वस्थ और फिट जीवन जीने से फाइब्रॉइड जैसी कई बीमारियों से निपटा जा सकता है । विशेष रूप से:
- शराब और स्मोकिंग से दूर रहें।
- नियमित व्यायाम करें।
- ज्यादा तनाव न लें।
फाइब्रॉइड का पता चलने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अधिकतर समय फाइब्रॉइड के लक्षण महिलाओं को दिखाई या महसूस नहीं होते। इसलिए समय रहते फाइब्रॉइड का चेकअप और इलाज कराना महत्वपूर्ण है।
साथ ही, फाइब्रॉइड से जुड़े मिथ्स से बचना भी उतना ही जरूरी है, जैसे कि फाइब्रॉइड कैंसरस होते हैं या यह केवल बुजुर्ग महिलाओं में होता है।
Yaami Fertility Center में हम महिलाओं की हर जरूरत का ध्यान रखते हैं। हमारे विशेषज्ञ, Dr. Swati Singh and Dr. Sankalp Singh, उच्च तकनीक उपकरणों और नवीनतम प्रक्रियाओं के साथ Fibroid का प्रभावी निदान और उपचार करते हैं।
अगर आप Fibroid या fertility से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना कर रही हैं, तो Yaami Fertility Center आपके हर कदम पर सहयोग और मार्गदर्शन के लिए हमेशा तैयार है।
FAQ: Fibroid Meaning in HindiFAQ
Fibroid kya hota hai?
Fibroid एक गैर-कैंसरस गांठ होती है, जो गर्भाशय (uterus) की मांसपेशियों में विकसित होती है। इसे leiomyoma या uterine fibroid भी कहा जाता है। हिंदी में इसे गर्भाशय की रसोली भी कहते हैं। यह आमतौर पर महिलाओं में 30-40 साल की उम्र में दिखाई देता है और अक्सर गर्भधारण या मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है।
Fibroid ke lakshan kya hote hain?
Fibroid के लक्षण महिला के आकार और स्थिति पर निर्भर करते हैं। कुछ आम लक्षण हैं, अनियमित या भारी मासिक धर्म, पेट में सूजन या भारीपन का एहसास, कमर या पीठ में दर्द, बार-बार पेशाब आने की समस्या, गर्भधारण में कठिनाई, आदि।
कुछ महिलाओं में Fibroid बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है और केवल जांच के दौरान पता चलता है।
Fibroid kis age group mein zyada hota hai?
Fibroid आमतौर पर 30-40 साल की महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। यह हार्मोनल बदलाव, विशेषकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर के कारण होता है। 50 साल की उम्र के बाद, खासकर menopause के बाद, Fibroid का आकार अक्सर छोटा हो जाता है।
Fibroid ka reason kya hai?
खराब lifestyle, hormonal imbalance, genetic reasons, अधिक वजन आदि गर्भाशय की रसोली के आम कारण है।
Kya fibroid cancer mein badal sakta hai?
बहुत ही दुर्लभ मामलों में Fibroid cancer (leiomyosarcoma) में बदल सकता है। सामान्यतः Fibroid benign होते हैं और कैंसर में नहीं बदलते। डॉक्टर नियमित जांच की सलाह देते हैं ताकि किसी भी असामान्यता का जल्दी पता चल सके।
Kya fibroid ke saath pregnancy possible hai?
हाँ, अधिकांश मामलों में Fibroid के साथ भी pregnancy संभव है। लेकिन कुछ स्थितियों में Fibroid fertility या गर्भधारण में समस्या पैदा कर सकता है। Fibroid की स्थिति, आकार और स्थान के अनुसार डॉक्टर सलाह देते हैं कि pregnancy safe है या पहले उपचार आवश्यक है।

Dr. Swati Singh (MBBS, MD – Obstetrics & Gynecology, DNB, FRM, Diploma in Reproductive Medicine and Embryology – Germany) is a leading Infertility Specialist and Gynecologist with over 18 years of experience. As Co-Founder and Senior Consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, she offers advanced fertility care including IUI, IVF, ICSI, and management of female reproductive disorders. Known for her compassionate and patient-first approach, Dr. Swati combines global training with deep clinical expertise. She is also actively involved in women’s health advocacy, medical research, and promoting awareness about reproductive wellness and fertility treatments.