पीरियड से पहले पेट में दर्द क्यों होता है?

पीरियड्स के पहले और दौरान, अधिकतर महिलाओं को पेट दर्द की समस्या होती है, जिसे मासिक धर्म का दर्द कहा जाता है। 

वैज्ञानिक भाषा में इस दर्द को डिसमेनोरिया कहा गया है। कुछ  महिलाओं में यह सामान्य होता है, जबकि कुछ मामलों में अधिक गंभीर और असहनीय भी हो सकता है, जिससे दैनिक काम-काज में बाधा आ सकती है।  

क्या आप पीरियड्स के दर्द का सही कारण जानना चाहते हैं? 

यदि हाँ, तो आप सही पृष्ठ पर हैं। नीचे दिए गए इस Blog में, Yaami IVF Center के हमारे प्रजनन विशेषज्ञों ने पीरियड्स के दर्द के बारे में सभी आवश्यक विवरण प्रस्तुत किए हैं, और इससे निपटने के लिए रणनीतियों का भी उल्लेख किया है। 

अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए अनुभागों तक स्क्रॉल करें!

मासिक धर्म दर्द के प्रकार

इससे पहले कि हम मासिक धर्म के दर्द के कारणों के बारे में जानें, आइए स्पष्टता के लिए इसके प्रकारों का पता लगाएं! यह दर्द दो प्रकार का होता है: प्राइमरी और सेकेण्डरी डिसमेनोरिया।

  • प्राइमरी डिसमेनोरिया में, दर्द सामान्यतया पेट के निचले हिस्से और जांघों में होता है और यह पीरियड्स के पहले दो या तीन दिनों में अधिक होता है। इस दर्द का मुख्य कारण गर्भाशय की मांसपेशियों का सिकुड़ना और रक्त प्रवाह में कमी आना होता है। युवतियों में यह आम है और इसकी शुरुआत में हल्का दर्द हो सकता है।
  • सेकेण्डरी डिसमेनोरिया अधिक गंभीर होता है और इसके पीछे अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ जैसे कि फाइब्रॉयड्स, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID), या एंडोमेट्रिओसिस हो सकती हैं। इस तरह का दर्द मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले शुरू हो सकता है और पूरी अवधि में बढ़ सकता है। कुछ मामलों में यह वंशानुगत भी हो सकता है।

इसके अलावा, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में सूजन, स्तनों में कोमलता, मूड में उतार-चढ़ाव, अकड़न और थकान जैसी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

ये लक्षण मासिक चक्र के दौरान और बाद में भी जारी रह सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

पीरियड से पहले पेट में दर्द क्यों होता है?

पीरियड से पहले पेट में दर्द होने का मुख्य कारण प्रोस्टाग्लैंडिन नामक हार्मोन की गतिविधि होती है।

प्रोस्टाग्लैंडिन एक प्रकार का हार्मोन है जो गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचित करने में मदद करता है, जिससे मासिक धर्म के दौरान अंदरूनी परत को बाहर निकाला जा सकता है।

ये संकुचन कभी-कभी इतने तीव्र होते हैं कि वे पेट में दर्द का कारण बनते हैं।

जब गर्भाशय सिकुड़ता है, तो यह उसमें रक्त की आपूर्ति को भी अवरुद्ध कर सकता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होती है और टिश्यूज़ में दर्द और सूजन हो सकती है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं में प्रोस्टाग्लैंडिन का स्तर अधिक होता है, जिससे उन्हें अधिक दर्द होता है।

यह दर्द प्राइमरी डिसमेनोरिया के रूप में जाना जाता है और यह सामान्यतः हानिरहित होता है। मासिक धर्म का दर्द पीरियड्स शुरू होने पर होता है, और 2-3 दिन में सही हो जाता है।  

Read Also: Smoking and Its Effects on Sperm and Male Fertility

पीरियड के टाइम दर्द से बचने के 10 उपाय

यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप पीरियड्स के दर्द से राहत पा सकती हैं:

  1. हॉट वाटर बॉटल या हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें: गर्मी मांसपेशियों को आराम देती है और दर्द कम करती है। आप अपने पेट के निचले हिस्से पर हॉट वाटर बॉटल या हीटिंग पैड लगा सकती हैं।
  2. ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं लें:  इबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेपरोक्सन (Naproxen) जैसी दवाएं पीरियड्स के दर्द से राहत पाने में मदद करती हैं।
  3. हल्का व्यायाम करें:  हल्का व्यायाम, जैसे कि चलना या योग,  एंडोर्फिन (endorphins)  जारी करने में मदद करता है जो दर्द को कम करते हैं।
  4. पर्याप्त आराम करें:  थकान पीरियड्स के दर्द को बदतर बना सकती है। इसलिए, पर्याप्त आराम करना सुनिश्चित करें।
  5. स्वस्थ आहार लें:  ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega-3 fatty acids)  से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि मछली, नट्स और बीज,  पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  6. कैफीन और शराब से बचें:  कैफीन और शराब पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकते हैं।
  7. धूम्रपान न करें:  धूम्रपान से पीरियड्स के दर्द का खतरा बढ़ जाता है।
  8. तनाव कम करें:  तनाव पीरियड्स के दर्द को बदतर बना सकता है।  योग, ध्यान, या गहरी सांस लेने के व्यायाम (deep breathing exercises)  तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
  9. मालिश:  पेट के निचले हिस्से की मालिश करने से मांसपेशियों को आराम मिल सकता है और दर्द कम हो सकता है।
  10. पर्याप्त पानी पीएं:  पानी से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और ब्लोटिंग (bloating) कम होती है, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

यदि आपको पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द होता है या यह आपके दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करता है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलु उपाय 

कुछ घरेलू उपाय भी हैं जो पीरियड्स के दर्द से राहत पाने में मदद कर सकते हैं:

  • अदरक (Ginger): अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
  • हल्दी (Turmeric): हल्दी में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। आप हल्दी की चाय पी सकते हैं या हल्दी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
  • पुदीना (Mint): पुदीना पेट दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं या पुदीने के तेल से अपने पेट की मालिश कर सकते हैं।
  • कैमोमाइल (Chamomile): कैमोमाइल एक प्राकृतिक शामक (sedative) है जो दर्द और चिंता को कम करने में मदद करता है। आप कैमोमाइल की चाय पी सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी उपाय सभी के लिए काम नहीं करते हैं।

Read Also: Difference Between PCOS and PCOD in Hindi

Conclusion:

पीरियड्स के दर्द का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है, और हर उपाय हर किसी के लिए प्रभावी नहीं हो सकता।

इसलिए, उल्लिखित सभी उपायों को आजमाएं और देखें कि कौन सा उपाय आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद है।

यदि फिर भी दर्द प्रबंधनीय नहीं हो पाता है, तो विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक होता है। 

Yaami IVF Fertility Center के विशेषज्ञ गहन पीरियड्स के दर्द का सामना कर रही महिलाओं की सहायता के लिए यहाँ उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए अभी हमारे विशेषज्ञों से संपर्क करें।

Q1. पीरियड आने के कितने दिन पहले पेट दर्द होता है?

Ans: पीरियड से एक या दो दिन पहले पेट में दर्द शुरू हो सकता है, लेकिन यह हर महिला के लिए अलग होता है।

Q2. नॉर्मल पीरियड कितने दिन तक रहता है?

Ans: एक सामान्य पीरियड चक्र तीन से सात दिन तक रह सकता है।

Q3. कैसे पता करे की पीरियड आने वाला है?

Ans: पीरियड आने से पहले महिलाओं को थकान, पेट में सूजन, मूड में बदलाव या चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

Q4. पीरियड कितने दिन आगे पीछे हो सकता है?

Ans: पीरियड का चक्र आमतौर पर 21 से 35 दिनों के बीच होता है, और यह कुछ दिनों के लिए आगे या पीछे हो सकता है, जो स्वास्थ्य और हार्मोनल परिवर्तनों पर निर्भर करता है।

Related Post

How much sperm does a man need to have a baby?

पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है?

गर्भधारण के लिए संघर्ष कर रहे जोड़ों में पुरुष निःसंतानता एक प्रमुख कारण है, जो निःसंतानता के लगभग 20% मामलों के लिए सीधे तौर पर

Read More »
2nd pregnancy symptoms in hindi

दूसरी बार माँ बनने पर महिलाओं में दिखते है ये 7 लक्षण

दूसरी बार माँ बनना अपने साथ अनोखे अनुभव और चुनौतियाँ लेकर आता है। हालाँकि गर्भावस्था के कुछ पहलू आपको परिचित लग सकते हैं, लेकिन कुछ

Read More »
Pregnant Hone Ke Liye Kya Kare?

जल्द गर्भवती होने के लिए करे ये 11 उपाय: Dr. Swati Singh

गर्भावस्था निस्संदेह एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत, ख़ुशी से भरा हुआ पल होता है। हालाँकि, आज की दुनिया में, बदलती जीवनशैली और पर्यावरणीय

Read More »
Sperm Count Kitna Hona Chahiye

प्रेगनेंसी के लिए Sperm Count कितना होना चाहिए?

सबके लिए परिवार शुरू करना एक सपना होता है। हालाँकि, जीवनशैली में बदलाव, आनुवंशिक कारक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कभी-कभी इसे चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं,

Read More »

Book Free Consultation

We are here for you