PCOS क्या है, इसके शुरूआती लक्षण, कारण और उपाय

पीसीओएस बीमारी महिलाओं में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है | इस बीमारी में लड़कियों और महिलाओं  में पुरुषों के जैसे प्रभाव दिखने लगते है जिसकी वजह से वह शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहती है | यह एक ऐसी बीमारी है जो की हर 100 में से 10 महिलाओं में पायी जाती है |

लेकिन PCOS को लेकर जानकारी बहुत कम और भ्रांतियां बहुत ज्यादा है | आज के इस लेख में हम PCOS/PCOD को लेकर लोगों की भ्रांतियों को दूर करेंगे और जानेंगें की PCOS/PCOD क्या है, इसके कारण और लक्षणों के बारे में | साथ ही जानेंगे की यह आपकी गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है और PCOS का सही उपचार क्या है | 

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) क्या है?(PCOS Kya Hai in Hindi?)

पीसीओएस का पूरा नाम है पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम | इस बीमारी में महिलाओं में कुछ हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या होती है | महिलाओं में मुख्यतः 2 हार्मोन पाए जाते है  Estrogen और Progesterone | यह दोनों हार्मोन फीमेल हार्मोन होते है|

इनके अलावा एक मेल हार्मोन होता है Androgen जो की कम मात्रा में होता है | लेकिन PCOS की समस्या में मेल हार्मोन Androgen का स्तर बढ़ जाता है | Androgen का स्तर बढ़ने से Estrogen और Progesterone सही तरह से काम नहीं कर पाते है |

इसकी वजह से महिलाओं की ओवेरी में जो अंडे है वह पूर्णतया विकसित नहीं हो पाते है और हर महीने जो एक अंडा 18 से 20 मिलीमीटर का होकर ओव्यूलेशन होना चाहिए वह नहीं हो पाता है | इसके कारण वह अपरिपक्व अंडे ओवेरी में सिस्ट के रूप में इकट्ठे हो जाते है |

लेकिन केवल सोनोग्राफी में सिस्ट दिखाई देने से यह नहीं मानना चाहिए की आपको PCOS की समस्या है | यदि आपके ब्लड में हार्मोनल बदलाव इंगित हो रहे है और चेहरे, गले छाती पर बाल आने जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हो तब PCOS की समस्या होती है ऐसे में आपको डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए |  

Read Also: Difference Between PCOS and PCOD in Hindi

पीसीओएस होने के संभावित कारण (PCOS Causes)

पीसीओस होने के पीछे कई संभावित कारण होते है आइये जानते है उनके बारे में –

1. अनुवांशिक कारण:

यदि आपके परिवार में यानि की आपकी माँ, मौसी बहन को भी PCOS की समस्या रही है तो आपको भी PCOS/PCOD होने की सम्भावना बढ़ जाती है | 

2. हानिकारक आहार 

आज के समय में खानपान का स्तर बदला है | घर के पौष्टिक खाने की बजाय हमारे आहार में जंकफूड, अधिक तेल में तला और मैदा युक्त आहार शामिल हो गया है | यह भोजन भी आपके हार्मोन के बैलेंस को बिगाड़ सकता है | यह भी एक मुख्य वजह हो सकती है पीसीओएस की | 

3. खराब जीवनशैली 

PCOS होने का एक कारण खराब जीवनशैली भी है | जिसमें की यदि आप बहुत ही निष्क्रिय जीवनशैली अपनाते है | यानि की देर से सोना, कम नींद लेना, एक्ससरसाइज नहीं करना, तनाव लेना आदि भी PCOS का कारण बनते है और इसे पीसीओएस लाइफस्टाइल डिसऑर्डर कहलाता है |   

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण (PCOS Symptoms)

1. चेहरे गर्दन और छाती पर बाल 

यदि लड़कियों और महिलाओं को अनचाहे जैसे की चेहरे, गर्दन और छाती पर बाल आ रहे है तो इसकी वजह शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन का प्रभाव होता है | यह PCOS का एक प्रमुख लक्षण है | 

2. चेहरे पर मुहांसे 

शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से चेहरे पर मुँहासे होने लगते है | यदि अधिक मुँहासे हो रहे है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए | क्योंकि यह सामान्य मुहांसे भी हो सकते है या फिर यह PCOS की वजह से भी हो सकते है | 

3. वजन का बढ़ना 

यदि किसी लड़की या महिला का वजन अचानक से बहुत बढ़ जाये तो इसकी PCOS होने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है | 

4. समय से पीरियड्स का नहीं आना 

पीसीओएस की समस्या होने पर सबसे  अधिक प्रभाव पीरियड्स पर पड़ता है क्योंकि हर महीने होने वाला ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है जिसकी वजह से पीरियड्स कम या फिर होते नहीं है | पीरियड्स यदि सही समय से नहीं आ रहे है तो डॉक्टर्स से परमर्श लेकर सोनोग्राफी और अन्य जांचो द्वारा जाना जा सकता है की PCOS की समस्या है या नहीं |  

PCOS गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है? (How Does PCOS Affect Pregnancy?)

PCOS का एक मुख्य लक्षण है गर्भधारण करने में परेशानी होना | जब महिलाऐं बार बार गर्भधारण कर नहीं पाती है तो डॉक्टर्स उन्हें कुछ जांच और सोनोग्राफी लिखते है | इन जाँच और सोनोग्राफी के द्वारा पता लगता है की महिला को PCOS की समस्या है या नहीं | 

महिलाओं में दो ओवेरी होती है जिनमें बहुत से फॉलिकल होते है इन फॉलिकल में अंडे होते है | हर माह इन फॉलिकल में से कुछ अंडे परिपक्व होने लगते है | परिपक्व होने पर एक अंडा ओवेरी में से ओव्युलेट होता है | लेकिन जब PCOS की समस्या होती है तो उसकी वजह से हार्मोनल असंतुलन होता है जिसके कारण मेल हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ता है |

इसकी वजह से ओवेरी में अंडे सही तरह से विकसित नहीं हो पाते है और ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है और अंडे ओवेरी में ही सिस्ट के रूप में इकट्ठे रह जाते है | इस वजह से PCOS होने पर गर्भधारण करने में समस्या आती है | 

पॉलीसिस्टिक रोग के लिए उपचार (PCOS Treatment)

यदि आपको पीसीओएस या पीसीओडी के लक्षण दिखाई दे रहे है यानि की चेहरे पर बालों का आना, माहवारी का समय पर नहीं आना या वजन बढ़ने जैसे लक्षण दिखाई दे  रहे है तो आपको सबसे पहले एक अच्छे क्लिनिक पर जाकर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए |

डॉक्टर आपको आपकी समस्या को जांचने के लिए कुछ परिक्षण करते है | यह परिक्षण कुछ ब्लड टेस्ट होते है और इसके अलावा सोनोग्राफी टेस्ट किये जाते है | 

यदि ब्लड टेस्ट में हार्मोनल इम्बैलेंस का पता चलता है और सोनोग्राफी के द्वारा ओवेरी में सिस्ट का का पता चलता है तो PCOS/PCOD है | ऐसे में डॉक्टर्स हार्मोनल इम्बैलेंस को ठीक करने के लिए दवाएं देते है | लेकिन PCOS/PCOD की समस्या को ठीक करने के लिए हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी बहुत जरुरी है | 

जिन महिलाओं को गर्भधारण में समस्या आ रही है तो किसी अच्छे फर्टिलिटी सेण्टर में डॉक्टर्स से परामर्श ले सकते है | डॉक्टर्स ओव्यूलेशन के लिए कुछ दवाइयां दे सकते है | यदि समस्या अधिक है तो डॉक्टर्स आपका परिक्षण करके IUI या IVF उपचार की सलाह दे सकते है | 

आईवीएफ ही क्यों बेस्ट विकल्प है? Yaami Fertility and IVF Center

किसी भी समस्या का सही समय पर उपचार करवा लिया जाये तो यह बहुत ही बेहतर होता है | आपको यदि PCOS/PCOD से जुड़े कुछ लक्षण दिखाई दे रहे है या आपको गर्भधारण करने में समस्या आ रही है तो Yaami Fertility and IVF Center क्लिनिक में जाएँ जहाँ पर आपको मिलता है विश्वस्तरीय उपचार |

Yaami Fertility and IVF Center में डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आपकी जाँच के आधार पर आपको सही दवाइयां और उपचार का परामर्श देते है | यहाँ पर PCOS/PCOD के कारण होने वाली निसंतानता के लिए दवाइयों के द्वारा उपचार किया जाता है |

Read Also: Understand the IVF Process and 5 Stages of IVF With Risk Factors

साथ ही यदि समस्या गंभीर है तो कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया जैसे IVF, IUI द्वारा गर्भधारण को संभव बनाया जाता है | Yaami Fertility पर अत्याधुनिक तरीके से उपचार किया जाता है और मरीज को बेहतर माहौल दिया जाता है | 

FAQ’s: PCOS Kya Hai in Hindi

Q1. क्या होता है जब महिला को PCOS हो?

जब किसी महिला को PCOS की समस्या होती है तो शरीर में एंड्रोजन जो की एक मेल हार्मोन है उसका स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से चेहरे और छाती  पर बाल आने लगते है |

इसके अलावा अंदुरुनी रूप से महिला की ओवेरी में अंडे विकसित नहीं हो पाते है और इससे ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है और अंडे सिस्ट के रूप में ओवेरी में इकट्ठे हो जाते है | ऐसे में पीरियड्स ना आना और देर से पीरियड्स होने की समस्या सामने आती है | 

Q2. PCOS को कैसे पहचानें?

यदि चेहरे, गर्दन  छाती पर बाल आने लगते है और तेजी से वजन बढ़ने लगा है और माहवारी नहीं आ रही है तो PCOS/PCOD की सम्भावना बढ़ जाती है | 

Q3. पीसीओएस का मुख्य कारण क्या है?

जब महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन की मात्रा का स्तर बढ़ जाता है | तो इसकी वजह से Estrojen और Projesteron का प्रभाव कम हो जाता है | जिसके कारण ओवेरी में फॉलिकल के विकास की प्रक्रिया रुक जाती है जिसकी वजह से फॉलिकल ओव्युलेट नहीं हो पाते है और फॉलिकल ओवेरी में सिस्ट के रूप में इकट्ठे हो जाते है | 

Q4. क्या पीसीओएस पीरियड्स को खराब करता है ?

PCOS होने की वजह से शरीर में एंड्रोजन का स्तर बढ़ता है और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का प्रभाव कम होता है जिसकी वजह से पीरियड्स बंद हो जाते है या लेट हो जाते है | 

Q5. पीसीओएस में पीरियड कितने दिन लेट हो सकता है?

पीरियड्स यदि 21 से 40 दिन के अंतराल पर आ रहा है तो यह सामान्य है | लेकिन यदि पीरियड्स में 40 दिन से अधिक अंतराल है यह असामान्य है  | PCOS की समस्या होने पर परियडस में 3 महीने से भी  भी अधिक का अंतराल होता है तो ऐसे में आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए | 

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