आज के समय में हर तीसरी महिला PCOD या PCOS की समस्या का सामना कर रही है | PCOD और PCOS महिलाओं की हार्मोन से जुडी समस्या है | PCOS और PCOD में क्या अंतर है यह एक ऐसा सवाल है जो बहुत सी महिलाओं के मन में आता है और आज के इस लेख Difference Between PCOS and PCOD in Hindi में हम जानेंगे की PCOD और PCOS में क्या अंतर है |
PCOD क्या है? (What is PCOD?)
PCOD की फुल फॉर्म होती है Polycystic Ovarian Disease | लेकिन सबसे मुख्य बात ये है की इस स्थिति को Disease यानि की बीमारी बोलना गलत है | क्योंकि यह कोई बीमारी नहीं होती है यह केवल एक Condition यानि की स्थिति होती है लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं होता है की आप बीमार है |
PCOS क्या है? (What is PCOS?)
PCOS की फुल फॉर्म होती है Polycystic Ovarian Syndrome | इसे Syndrome इसलिए बोला जाता है की इसमें कोई एक तरह की स्थिति नहीं होती है जबकि कई तरह की problems को देखा जाता है और इनके आधार पर ही इसे Syndrome कहा जाता है |
PCOS की स्थिति में जो ओवेरी में फॉलिकल होते है जो की एक तरल थैली होती है जिसमें अंडे होते है | हर माहवारी के समय यह फॉलिकल ग्रोथ करते है लेकिन जब Harmonal प्रभाव के कारण जब यह फॉलिकल ग्रोथ नहीं कर पाते है और इनसे अंडा बाहर नहीं आ पाता है |
ऐसी स्थिति में यह ओवेरी में सिस्ट के रूप में दिखाई देने लगते है | अंडा बाहर नहीं आ पाता है इसके कारण पीरियड्स भी अनियमित हो जाते है | इस स्थिति को PCOS कहते है |
पीसीओडी व पीसीओएस में क्या अंतर हैं? (Difference Between PCOD And PCOS In Hindi)
PCOD और PCOS में जो मुख्य अंतर है वह यह है की PCOS की स्थिति तब होती है जब महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की तुलना में मेल हार्मोन एण्ड्रोजन अधिक बनने लगता है तो कई तरह की समस्या जैसे पीरियड्स में अनियमितता, चेहरे पर और अन्य शरीर पर बालों का आना |
इसके कारण एक मुख्य समस्या यह भी होती है की गर्भधारण करने में भी समस्या आने लगती है | इसकी वजह से ओवेरी से फॉलिकल रिलीज नहीं हो पाते है और वह ओवेरी में सिस्ट के रूप में रह जाते है |
PCOD की समस्या में फॉलिकल से अंडे रिलीज तो होते है लेकिन वो इतने immature होते है की वो स्पर्म के साथ जुड़ नहीं पाते है | जिसकी वजह से महिलाओं को पीरियड्स तो आते है लेकिन वो अनियमित आते है | इसके कारन आपका वजन बढ़ने लगता है | PCOD की समस्या में infertility की समस्या की सम्भावना कम होती है जबकि PCOS की समस्या में infertility की समस्या की सम्भावना अधिक होती है |
हार्मोन का स्तर (Hormone Levels)
PCOS और PCOD की समस्या हार्मोनल से जुडी होती है इसमें शरीर में मेल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है | PCOS की समस्या में High AMH होता है तो इसका मतलब होता है की ओवेरी में egg ज्यादा है और यदि Low AMH है तो इसका मतलब है की Ovary में egg कम है |
PCOD ओर PCOS के लक्षण (Difference Between PCOS and PCOD Symptoms)
शरीर में किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर शरीर उसके संकेत दिखाई देने लगते है ऐसे में इन संकेत को समझकर हम उस बीमारी का सही समय उपचार शुरू करके उसका समाधान कर सकते है | PCOS की समस्या होने पर महिलाओं को अनियमित पीरियड्स होने लगते है |
क्योंकि जब ओवेरी में हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से अंडे सही तरह विकसित नहीं हो पाते है तो वो फॉलिकल से निकल नहीं पाते है जिसके कारण पीरियड्स लेट हो जाते है | इसके अलावा PCOS/PCOD की समस्या में मेल हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से महिलाओं को चेहरे या शरीर के अन्य अंगो पर बाल आने लगते है |
इसके अलावा PCOS/PCOD की समस्या में सर पर से बाल झड़ने लगते है | यदि महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है तो इसकी भी एक प्रमुख वजह PCOS/PCOD हो सकती है |
PCOD व PCOS का निदान (Diagnosis of PCOD and PCOS)
यदि आपको शरीर में ऊपर बताये गए किसी भी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे है तो अपने डॉक्टर्स से सलाह ले सकते है | डॉक्टर्स यह पता करने के लिए आपको PCOS/PCOD की समस्या है या नहीं इसके लिए कुछ हार्मोनल इम्बैलेंस चेक करने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट करते है | ये टेस्ट FSH और LH टेस्ट होते है |
FSH का मतलब है Follicle stimulating hormone test और LH का मतलब होता है Leutinizing Hormone Test | इन दोनों टेस्ट के अलावा AMH टेस्ट भी करवाया जाता है यदि शरीर में AMH की मात्रा ज्यादा होती है तो PCOS होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
इन ब्लड टेस्ट के अलावा डॉक्टर्स आपका एक अल्ट्रासॉउन्ड भी करवाते है जिसमे आपकी ओवेरी में यह चेक किया जाता है ओवेरी में अंडे सही से बन पा रहे है या नहीं |
PCOS ओर PCOD का उपचार (Treatment of PCOS and PCOD)
PCOD/PCOS के उपचार के लिए सबसे जरुरी होता है हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरुरत होती है | इसके लिए सबसे पहले अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना होता है | मैदे से बनी या मैदे से बने भोजन और जंकफूड से परहेज करना चाहिए | अच्छे आहार के साथ ही योग और एक्ससरसाइज करनी चाहिए | आप रोजाना घूमना या स्विमिंग कर सकते है |
जीवनशैली में बदलाव के साथ ही डॉक्टर्स आपके हार्मोनल बैलेंस करने के लिए कुछ दवाइयां भी देते है जिनका आपको बताये गए समय पर लेना चाहिए | ये दवाएं आपको 9 महीने से लेकर 1 वर्ष तक लेनी होती है | यह दवाइयां लेने से आपका पीरियड्स का साईकल ठीक होता है |
Which Is Best Place For Treatment Of PCOS and PCOD?
यदि आपको PCOS/PCOD से सबंधित कोई लक्षण दिखाई दे रहे है तो इसके लिए आप Yaami Fertility and IVF Center पर आकर अपनी समस्या को दिखा सकते है | हमारे यहाँ पर आपको आपकी समस्या के अनुसार सही परामर्श दिया जाता है |
सबसे पहले डॉक्टर्स आपके कुछ टेस्ट करेंगे और सोनोग्राफी करेंगे | Yaami Fertility and IVF Center में डॉक्टर्स आपके टेस्ट के आधार पर आपको दवाइयां और जीवनशैली में बदलाव करके जल्द से जल्द PCOS/PCOD को ठीक करने में मदद करते है |
निष्कर्ष (Conclusion): Difference Between PCOS and PCOD in Hindi
यदि आपको PCOS/PCOD के लक्षण दिखाई दे रहे है तो किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आपको डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए | क्योंकि आपके लक्षण और और आपके टेस्ट के आधार पर डॉक्टर्स यह आपको बताते है की आपको PCOS/PCOD है या नहीं |
PCOS और PCOD में क्या अंतर है यह आपने जान लिया | आज के समय में इस स्थिति के लिए PCOS शब्द का उपयोग किया जाता है | क्योंकि यह कोई बीमारी नहीं होती है यह एक स्थिति होती है जिसमें बहुत सी चीजें शामिल होती है उन सभी के आधार पर ही आपका उपचार किया जाता है |
Dr. Sankalp Singh is a renowned Reproductive Medicine Specialist and IVF Expert based in Indore. With 20 years of experience, he’s a driving force in the field, offering cutting-edge treatments at Yaami Fertility and IVF Center. Beyond clinical practice, Dr. Singh is passionate about teaching, research, and sharing knowledge. His mission is to make parenthood dreams come true using advanced technology and unwavering expertise.