एक महिला के लिए माँ बनने की यात्रा जितनी खूबसूरत होती है, उतनी ही चुनौतियों से भरी भी होती है। इन्हीं चुनौतियों में से एक है बच्चेदानी में सूजन—एक ऐसी समस्या जो न सिर्फ महिलाओं के शरीर को तकलीफ देती है, बल्कि कई मामलों में उनकी पूरी दिनचर्या और मानसिक शांति को भी प्रभावित करती है।
दर्द, असहजता और भविष्य को लेकर चिंता—हर महिला के मन में यही सवाल उठते हैं: ‘अब क्या करें?’ और सबसे जरूरी—‘क्या खाएं और क्या न खाएं?’
सवाल जायज है परन्तु घबराएं नहीं, सही परहेज और देखभाल से इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है।
तो आइए जानते हैं कि बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए और कैसे अपनी सेहत का सही तरीके से ख्याल रखा जा सकता है।
बच्चेदानी में सूजन की समस्या आमतौर पर ज़्यादातर महिलाओं में डिलीवरी के बाद देखी जाती थी, लेकिन बदलती लाइफस्टाइल के कारण अब ये उन महिलाओं में भी देखने को मिल रही है, जो pregnant नहीं हैं।
ये ना सिर्फ periods को अनियमित कर सकती है, बल्कि पेट दर्द, कमजोरी और infertility जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकती है।
अगर आपको भी इस तरह की परेशानी हो रही है, तो सही इलाज और खान पान के साथ-साथ कुछ चीजों के परहेज पर भी ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।
आइए जानते हैं बच्चेदानी में सूजन से जुड़े कुछ कारण और बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए?
बच्चेदानी में सूजन के कुछ कारण
बच्चेदानी में सूजन की समस्या का सबसे बड़ा कारण गर्भाशय में संक्रमण (Uterine Infection) होता है।
जब किसी कारण गर्भाशय में बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण फैलता है, तो यह सूजन का रूप ले सकता है।
लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे कारण होते हैं, जिनके बारे में बहुत सी महिलाओं को जानकारी नहीं होती, और यही वजह है कि सही समय पर इसका इलाज नहीं हो पाता।
कुछ कारण तो धीरे-धीरे असर दिखाते हैं, लेकिन उनका प्रभाव सीधे बच्चेदानी पर पड़ता है। इन कारणों को जानना और समझना बहुत ज़रूरी है ताकि समय रहते सही इलाज और परहेज किया जा सके।
चलिए जानते हैं Yaami Fertility के experts डॉ. स्वाति और डॉ. संकल्प द्वारा कि ऐसे कौनसे कारक है जो बच्चेदानी में सूजन का कारण बन सकते हैं!
1.हद से ज़्यादा टाइट कपड़े पहनना
बढ़ते fashion trends के चलते टाइट कपड़े पहनने का चलन काफी बढ़ गया है। लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि यह style उनकी सेहत पर भी बुरा असर भी डाल सकती है।
टाइट कपड़े पहनने से न सिर्फ स्किन infection का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह शरीर के अंदरूनी अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अगर महिला लगातार बहुत टाइट कपड़े पहनती है, तो इससे blood circulation प्रभावित होता है और शरीर के संवेदनशील हिस्सों में प्रेशर बढ़ने लगता है।
यही कारण है कि कई महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, यह आदत लंबे समय में प्रजनन क्षमता पर भी असर डाल सकती है।
अगर आपको इस समस्या से बचना है, तो कोशिश करें कि हवादार, कॉटन और ढीले कपड़े पहनें, ताकि शरीर को आराम मिले और किसी भी तरह का अनावश्यक दबाव न पड़े।
2. ज़्यादा भूख लगना
हालांकि बच्चेदानी में सूजन का सीधा संबंध भूख से नहीं है, लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि यदि किसी महिला की बच्चेदानी में सूजन है, तो उसे सामान्य से ज्यादा भूख लग सकती है। इसका सीधा सम्बन्ध एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हार्मोन से है।
जब शरीर में सूजन होती है, तो एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं या बढ़ जाते हैं। ये हार्मोन भूख को नियंत्रित करने का काम करते हैं, लेकिन जब इनका असंतुलन होता है, तो भूख अचानक बढ़ जाती है।
इसलिए यदि आपकी भूख अचानक से बढ़ गयी है तो बच्चेदानी में सूजन भी इसका एक कारण हो सकता है।
3. गैस या कब्ज़ की समस्या
लगातार गैस और कब्ज की समस्या भी बच्च्दानी में सूजन का एक कारण होती है। लम्बे समय तक कब्ज या गैस की समस्या होने से पेट के निचले हिस्से में दबाव पड़ता है, जिससे बच्चेदानी प्रभावित होती है।
चूँकि पेट और बच्चेदानी एक दुसरे के पास स्थित होते हैं इसलिए गैस्ट्रिक समस्याओं से सूजन का होना या असहजता का एहसास होना सामान्य है
अगर इस समस्या को नजरअंदाज किया जाए, तो यह धीरे-धीरे और बढ़ सकती है, जिससे शरीर में असहजता बनी रहती है।
4. फाइब्रॉइड्स
फाइब्रॉइड्स यानी बच्चेदानी में विकसित होने वाली गांठे। बदलते खान पान और बिगडती लाइफस्टाइल से hormones imbalance हो जाते हैं और इस हार्मोनल असंतुलन के कारण ब्लड क्लॉट्स (रक्त का जमाव) बच्चेदानी में बनने लगते हैं, जो धीरे-धीरे गांठ (Fibroids) का रूप ले सकते हैं।
यदि लम्बे समय तक फाइब्रॉइड्स बच्चेदानी में बने रहे तो ये दर्द, भारी रक्तस्त्राव और सूजन का कारण भी बनते हैं।
5. पीसीओएस की समस्या
आजकल महिलाओं में PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या सिर्फ शादीशुदा महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा लड़कियों में भी देखी जा रही है। PCOS में hormonal असंतुलन के कारण गर्भाशय में ब्लड क्लॉट्स जमने लगते हैं, जिससे बच्चेदानी में सूजन होने लगती है।
जब शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) hormones का संतुलन बिगड़ता है, तो गर्भाशय पर दबाव बढ़ता है और इससे बच्चेदानी में सूजन की समस्या और अधिक हो जाती है। ऐसे में यदि आप healthy lifestyle रखें तो PCOS की समस्या को काफी हद तक कम करके बच्चेदानी में सूजन को भी कम कर सकती हैं।
6. ओवेरियन सिस्ट
बच्चेदानी में सूजन होने के प्रमुख कारणों में से एक ओवेरियन सिस्ट भी है। इस स्थिति में ओवरी में फॉलिकल्स जमने लगते हैं, जो धीरे-धीरे गांठ का रूप ले सकते हैं और बच्चेदानी में सूजन का कारण बन सकते हैं।
ओवेरियन सिस्ट सिर्फ बच्चेदानी में सूजन का ही कारण नही बनता बल्कि यह Ovulation को भी बाधित करता है, जिससे concive करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट के कारण pregnancy में भी समस्याएं देखी जाती हैं।
अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह आगे चलकर गंभीर जटिलताओं या कैंसर का कारण भी बन सकता है।
बच्चेदानी में सूजन होने पर इन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए
हालांकि बच्चेदानी में सूजन एक गंभीर समस्या है, लेकिन अगर आप अपनी खानपान की आदतों में बदलाव करें, तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं और आपकी समस्या को और अधिक जटिल बना सकते हैं।
इसलिए, अगर आप सही खानपान अपनाते हैं, तो बच्चेदानी की सूजन को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।
इस ब्लॉग के द्वारा विस्तार से जानते हैं कि बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए?
1. डेयरी प्रोडक्ट्स
अगर आप बच्चेदानी में सूजन को सही समय पर नियंत्रित करना चाहती हैं, तो डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन बंद करना जरूरी है, क्योंकि इनमें पाया जाने वाला लैक्टोज सूजन को बढ़ाने का काम कर सकता है। दूध, पनीर, मक्खन और दही जैसे डेयरी उत्पाद शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ाकर हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे बच्चेदानी की सूजन और अधिक बढ़ सकती है।
तो जब भी आपके मन में ये सवाल आये कि, बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए तो याद रखिये dairy products से दूरी बनाना फायदेमंद रहेगा।
इसके बजाय आप नॉन-डेयरी विकल्प जैसे बादाम दूध, सोया दूध और नारियल दूध का सेवन कर सकती हैं, जो पोषण देने के साथ-साथ सूजन को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
2. प्रोसेस्ड फ़ूड
प्रोसेस्ड फूड यानी ऐसे खाद्य पदार्थ, जिन्हें बनाने में आपको कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन ये सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं। व्यस्त जीवनशैली के कारण आजकल कई लोग प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करने लगे हैं, लेकिन इनमें भारी मात्रा में preservative होते हैं, जो न केवल शरीर के लिए हानिकारक होते हैं बल्कि बच्चेदानी को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रोसेस्ड फूड में मौजूद रसायन और अत्यधिक नमक शरीर में सूजन को बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे बच्चेदानी में सूजन की समस्या और गंभीर हो सकती है। इसलिए, कोशिश करें कि अधिकतर घर का बना ताजा और पोषणयुक्त भोजन ही खाएं और processed food से पूरी तरह परहेज करें। इससे आपकी सेहत बेहतर रहेगी और बच्चेदानी में सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
3. चाय या कॉफ़ी
हमारे आस पास कई लोग चाय और कॉफी के प्रेमी हैं। अक्सर लोग अपनी थकान दूर करने और dehydration से बचने के लिए दिन में 3-4 बार चाय या कॉफी का सेवन करने लगते हैं। लेकिन अगर आप बच्चेदानी में सूजन की समस्या से बचना चाहती हैं, तो इनका अधिक सेवन करने से बचें।
चाय और कॉफी में कैफीन की अधिक मात्रा होती है, जो शरीर में संक्रमण को बढ़ावा देने का काम कर सकती है। यह hormonal imbalance भी पैदा कर सकती है, जिससे बच्चेदानी की सूजन और बढ़ सकती है।
इसलिए, कोशिश करें कि अपने daily routine से चाय और कॉफी का सेवन कम करें और इसकी जगह हर्बल टी या गुनगुने पानी आदि का उपयोग करें।
4. फ़्रोजन फ़ूड
मार्केट में आपको हर तरह के fozen food मिल जाएंगे, जैसे – सब्जियां, फल और अलग-अलग तरह के फूड आइटम्स। बहुत से लोगों को लगता है कि फ्रोजन फूड खाने से सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह एक गलतफहमी है।
Frozen food को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए इनमें कई तरह के प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं, जिनमें से एक है सोडियम, जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
ये दोनों ही चीजें शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे आपकी बच्चेदानी में सूजन की समस्या और गंभीर हो सकती है।
इसके अलावा, फ्रोजन फूड में पोषक तत्वों (Nutrients) की भी कमी होती है, जिससे शरीर में hormonal imbalance हो सकता है और बच्चेदानी में सूजन की समस्या और गंभीर हो सकती है।
यदि आप भी बच्चेदानी की सूजन से परेशान हैं और इसे कम करना चाहती हैं तो फ्रोजन फूड की बजाय ताजा और घर का बना पौष्टिक खाना खाएं।
5. चटपटे और तले हुए पदार्थ
कुछ खाद्य पदार्थ सिर्फ मुंह के स्वाद के लिए ही होते हैं जैसे चटपटे और तले हुए पदार्थ। परन्तु यदि आप स्वाद से ज्यादा सेहत को महत्त्व दें खासकर जब आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी है तब, तो ये आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
महिलाएं जिन्हें बच्चेदानी में सूजन की समस्या है उनके लिए तला-भुना खाना नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे भोजन से ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ सकता है, जिससे सूजन बढ़ सकती है।
इसलिए बच्चेदानी में सूजन के दौरान चटपटे और तले हुए पदार्थ से परहेज करें और अपनी डाइट में हल्का, पौष्टिक और सुपाच्य भोजन शामिल करें, ताकि शरीर को जरूरी पोषण मिले और सूजन कम हो सके।
6. गर्म तासीर की चीज़ें
गर्म तासीर वाली चीजें आमतौर पर हानिकारक नहीं होती हैं, लेकिन यदि आपको बच्चेदानी में सूजन की समस्या है तो आपको गर्म तासीर वाली चीजें जैसे अदरक, लहसुन, गरम मसाले आदि के सेवन से बचना चाहिए।
गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ शरीर में गर्मी बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे बच्चेदानी में सूजन की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है।
निष्कर्ष
अगर बच्चेदानी में सूजन के कारणों को समय रहते पहचान लिया जाए और अपनी food habbites में सही बदलाव किए जाएं, तो इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। अधिक तली-भुनी, मसालेदार चीजें, प्रोसेस्ड फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स और कैफीन जैसी चीजों से बचाव करके बच्चेदानी की सूजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
हालांकि, आप ये जान चुके हैं कि बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए परन्तु फिर भी सिर्फ खानपान में बदलाव ही काफी नहीं होता, अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहती है या इसके कारण प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की परेशानी आ रही है, तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
सही जानकारी और उचित उपचार के लिए आज ही Yaami Fertility से संपर्क करें और अपनी सेहत का सही समाधान पाएं।