कभी-कभी जब couples बेसब्री से बच्चे के जन्म का इंतज़ार कर रहे होते हैं तभी उनकी ख़ुशी अचानक टूट जाती है, और उन्हें समझ ही नहीं आता कि ऐसा क्यों हुआ।
और इसी स्थिति को हम Misscarriage या गर्भपात के नाम से जानते हैं।
Miscarriage सिर्फ़ एक चिकित्सीय स्थिति नहीं, बल्कि भावनाओं का भी गहरा झटका होता है। ज्ञात गर्भधारणों में से 10% से 20% गर्भपात में समाप्त हो जाते हैं।
Miscarriage(Miscarriage Meaning in Hindi) यानी गर्भपात को समझना इसलिए ज़रूरी है ताकि आप समय रहते इसके कारणों, लक्षणों और रोकथाम के तरीकों को पहचान सकें।
जब आप इन कारणों को समझने लगती हैं, तो आपके अंदर अनावश्यक डर और भ्रम ख़त्म होते हैं।
यही वजह है कि इस blog में हम miscarriage से जुड़े आपके सारे doubts clear करेंगे, miscarriage meaning in hindi, लक्षण (symptoms), कारण (causes), diagnosis, इलाज (treatment) और रोकथाम ताकि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर सही निर्णय ले सकें।
गर्भपात का हिंदी में मतलब (Miscarriage Meaning in Hindi)
गर्भपात (Miscarriage), जिसे सहज गर्भपात (Spontaneous Abortion) भी कहा जाता है, ये तब होता है जब गर्भावस्था के शुरुआती 20 हफ्तों से पहले ही भ्रूण (fetus) या गर्भस्थ शिशु अपनी माँ के गर्भ में जीवित रहने की क्षमता खो देता है, सीधे शब्दों में कहें तो बच्चे का माँ के गर्भ में ना ठहरना।। यह स्थिति अक्सर गर्भावस्था (pregnancy) के पहले trimester (12 हफ्ते) के दौरान होती है।
Yaami Fertility Centre की expert Dr. Swati Singh (Reproductive Medicine & IVF Specialist) का मानना है कि गर्भपात के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम कारण यह है कि भ्रूण ठीक से विकसित नहीं हो पाता।
अक्सर यह कोई बाहरी गलती नहीं होती, बल्कि क्रोमोसोमल (Chromosomal) अनियमितताओं के कारण होता है, यानी भ्रूण (fetus) को माता-पिता से मिलने वाले जीन में कुछ गड़बड़ी हो जाती है।
इसी वजह से गर्भावस्था के दौरान हर महिला के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है।
गर्भपात के लक्षण (Miscarriage Symptoms in Hindi)

यह समझना बहुत ज़रूरी है कि pregnancy में शरीर आपको क्या संकेत दे रहा है। यदि आप गर्भवती हैं और नीचे दिए गए (Miscarriage Symptoms in Hindi) लक्षण महसूस कर रही हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
आइये जानते है की कुछ प्रमुख Miscarriage Symptoms क्या होते हैं:
- योनि से रक्तस्राव (Vaginal Bleeding): हल्का धब्बा (Spotting) हो सकता है या फिर भारी रक्तस्राव, जिसमें खून के थक्के (Clots) भी निकल सकते हैं। यह सबसे common symptom है।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन (Abdominal Cramping): यह दर्द हल्का मासिक धर्म (Menstrual) के दर्द जैसा हो सकता है, जो समय के साथ तेज़ और असहनीय हो सकता है।
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द (Lower Back Pain): लगातार या रुक-रुक कर पीठ के निचले हिस्से में हल्का से गंभीर दर्द होना।
- ऊतक या द्रव का निकलना (Passage of Tissue or Fluid): योनि (vaginal area) के माध्यम से भूरे या लाल रंग के तरल पदार्थ का निकलना।
- गर्भावस्था के लक्षणों में कमी (Decrease in Pregnancy Symptoms): गर्भावस्था के लक्षण जैसे, स्तनों में कोमलता (Breast Tenderness) का अचानक कम हो जाना या जी मिचलाना (Nausea) बंद हो जाना।
- कमज़ोरी और चक्कर आना (Weakness and Dizziness): अचानक से कमज़ोरी महसूस होना भी एक गर्भपात का लक्षण माना गया है।
- योनि से स्राव (Vaginal Discharge): योनि से भूरे या गुलाबी रंग का असामान्य पदार्थ बाहर आना।
- बुखार या ठंड लगना (Fever और cold): कई बार महिलाओं में बुखार या ठण्ड लगना भी गर्भपात का लक्षण देखा जाता है।
गर्भपात होने के कारण (Miscarriage Kyu Hota Hai?)

बच्चे की ख़ुशी का इंतज़ार कर रहे कई couples का यह सवाल होता है कि Miscarriage Kyu Hota Hai?
दरअसल गर्भपात किसी एक गलती के कारण नहीं होता, बल्कि कई जोखिम कारकों का परिणाम हैं। आइये जानते हैं कुछ सामान्य कारण:
- क्रोमोसोमल असामान्यताएं (Chromosomal Abnormalities): यह सबसे प्रमुख कारण है। भ्रूण में गुणसूत्रों की संख्या या संरचना में गड़बड़ी, जिससे वह सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाता।
- हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances): प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) जैसे आवश्यक hormone की कमी, जो गर्भावस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं।
- माँ की आयु (Maternal Age): 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में स्वतः ही गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है।
- गर्भाशय और ग्रीवा की समस्याएँ (Uterine and Cervical Problems): गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स (Fibroids) या जन्मजात असामान्यताएं, या कमजोर गर्भाशय ग्रीवा (Cervix)।
- क्रॉनिक बीमारियाँ (Chronic Diseases): अनियंत्रित मधुमेह (Diabetes), थायरॉइड रोग, या उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)।
- संक्रमण (Infections): रूबेला (Rubella) या साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) जैसे कुछ संक्रमण के कारण भी गर्भपात हो सकता है।
- जीवनशैली के कारक (Lifestyle Factors): अत्यधिक धूम्रपान (Smoking), शराब का सेवन, या कैफीन की अधिक मात्रा।
- इम्यूनोलॉजिकल कारण (Immunological Factors): जब माँ का शरीर भ्रूण को एक बाहरी तत्व मानकर अस्वीकार (Reject) करने लगता है।
गर्भपात और गर्भसमापन में अंतर (Difference Between Miscarriage and Abortion)
गर्भपात (Miscarriage) और गर्भसमापन (Abortion) शब्दों को अक्सर एक ही मान लिया जाता है, लेकिन इस दोनो में बहुत अंतर हैं।
| विशेषता | गर्भपात (Miscarriage/ Spontaneous Misscarriage) – सहज गर्भपात | गर्भसमापन (Abortion) – प्रेरित गर्भपात |
| प्रकृति | यह शारीरिक समस्याओं से या accidentally (अपने आप) होता है। | यह जानबूझकर किया जाता है (दवा या सर्जरी से)। |
| कारण | अक्सर शरीर या जीन में होने वाली गड़बड़ियों की वजह से गर्भ अपने आप रुक जाता है। | गर्भावस्था को समाप्त करने का निर्णय लेना। |
| उद्देश्य | कोई उद्देश्य नहीं, यह एक अनैच्छिक घटना है। | गर्भावस्था को आगे न बढ़ाने का इरादा होता है। |
| परिणाम | भ्रूण का विकास रुक जाता है। | भ्रूण के विकास को रोका जाता है। |
गर्भपात के प्रकार (Miscarriage के Types)
गर्भपात को उनकी अवस्था और लक्षणों के आधार पर कई प्रकारों में बाँटा गया है:
- धमकी भरा गर्भपात (Threatened Miscarriage): इसमें हल्का-फुल्का ख़ून आ सकता है, लेकिन गर्भाशय का मुँह बंद रहता है। ऐसे में गर्भावस्था को बचाया जा सकता है।
- अपरिहार्य गर्भपात (Inevitable Miscarriage): इसमें ख़ून बहता है और गर्भाशय का मुँह खुल जाता है। ऐसे में गर्भपात होना तय होता है।
- अधूरा गर्भपात (Incomplete Miscarriage): भ्रूण का कुछ भाग बाहर आ चुका है, लेकिन कुछ ऊतक अभी भी गर्भाशय के अंदर बने हुए हैं।
- पूर्ण गर्भपात (Complete Miscarriage): भ्रूण और गर्भावस्था से जुड़े सभी ऊतक पूरी तरह शरीर से बाहर निकल चुके हैं।
- चूका हुआ गर्भपात (Missed Miscarriage): भ्रूण गर्भ में मर चुका है, लेकिन शरीर ने उसे बाहर नहीं निकाला है, और कोई लक्षण भी महसूस नहीं हो रहे हैं।
Miscarriage में Diagnosis कैसे होता है?
Miscarriage का diagnosis करने के कुछ समान्य तरीके होते हैं जैसे:
- शारीरिक परीक्षण (Physical Exam): रक्तस्राव की मात्रा और गर्भाशय ग्रीवा की स्थिति की जांच की जाती है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): यह सबसे ज़रूरी परीक्षण है। इससे पता चलता है कि भ्रूण की धड़कन है या नहीं, और क्या गर्भाशय के अंदर कोई ऊतक बचा है।
- ब्लड टेस्ट (Blood Tests): गर्भावस्था hormone की जाँच की जाती है।
- ऊतक विश्लेषण (Tissue Analysis): यदि कोई ऊतक बाहर निकलता है, तो उसके कारण को जानने के लिए उसका प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा सकता है।
गर्भपात का इलाज (Miscarriage का Treatment)
गर्भपात का इलाज उसके प्रकार और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। आइये जानते हैं की Treatment के मुख्य options क्या क्या हैं:
- इंतजार करना (Expectant Management): यदि गर्भपात शुरू हो गया है, तो कुछ मामलों में डॉक्टर शरीर को प्राकृतिक रूप से बचे हुए ऊतकों को बाहर निकालने का समय देते हैं।
- दवा से इलाज (Medical Management): यदि ऊतक बाहर नहीं निकल पाते हैं, तो डॉक्टर ऐसी दवाएं देते हैं जो भ्रूण के पूरी तरह से बाहर निकालने में मदद करती हैं।
- सर्जिकल इलाज (Surgical Management): यदि भारी रक्तस्राव हो रहा हो या संक्रमण का खतरा हो, तो Dilation and Curettage (D&C) नामक एक छोटी सी प्रक्रिया की जाती है, जिसमें बचे हुए ऊतकों को सर्जरी से निकाल दिया जाता है।
गर्भपात से बचाव कैसे करें?
दुर्भाग्य से, क्रोमोसोम में होने वाली गड़बड़ियों के कारण होने वाले ज़्यादातर गर्भपात को रोका नहीं जा सकता। लेकिन आप कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखकर अपने जोखिम को कम कर सकती हैं:
- स्वस्थ जीवनशैली: शराब, धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन से बचें।
- प्रीनेटल विटामिन: गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले ही फोलिक एसिड और अन्य ज़रूरी विटामिन लेना शुरू करें।
- बीमारियों का प्रबंधन: यदि आपको मधुमेह या थायरॉइड जैसी कोई पुरानी बीमारी है, तो गर्भावस्था से पहले और दौरान उसे नियंत्रित रखें।
- संतुलित आहार: पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
- वजन नियंत्रण: एक स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- नियमित जाँच: अपनी गर्भावस्था की शुरुआत से ही नियमित रूप से डॉक्टर से जाँच कराएं।
Conclusion:
गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) सिर्फ़ एक मेडिकल स्थिति नहीं, बल्कि महिलाओं और couples के लिए गहरी भावनात्मक और शारीरिक चुनौती बन जाता है। ऐसा अनुभव जिसे कोई भी दोबारा महसूस नहीं करना चाहता।
ऐसे में expert की सलाह लेना और सही जानकारी आपकी इस परिस्थिति से निपटने में काफी सहायता कर सकती है।
यदि आप या आपका कोई अपना गर्भपात से गुज़र रहा हैं या प्रेगनेंसी से जुड़ी कोई भी चिंता है, तो यह ज़रूरी है कि आप एक fertility expert से सलाह लें।
Dr. Swati Singh (Reproductive Medicine & IVF Specialist, MBBS, MD, DNB, FRM, DRM (Germany) का कहना है stress भी miscarraige का बहुत बड़ा कारण है। हर couple जो pregnancy plan कर रहे हैं उन्हें पहले से ही health conscious होना चाहिए। दोनो partners को एक healthy diet, yoga, meditation से अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए। इससे उनकी parenthood journey बहुत आसान हो सकती है।
Yaami Fertility Center में हमारी पूरी कोशिश होती है की आपकी गर्भावस्था सफल हो, इसके लिए सही इलाज और देखभाल बेहद ज़रूरी है।
अधिक जानकारी के लिए आज ही हमारे expert के साथ कंसल्टेशन बुक करें और अपनी parenthood journey को सफल और खुशनुमा बनाएं।
FAQs: Miscarriage Meaning in Hindi
Miscarriage कितने types का होता है?
गर्भपात (Miscarriage) मुख्य रूप से पाँच प्रकार का होता है: धमकी भरा गर्भपात (Threatened), अपरिहार्य (Inevitable), अधूरा (Incomplete), पूर्ण (Complete) और चूका हुआ गर्भपात (Missed Miscarriage)।
क्या miscarriage दोबारा भी हो सकता है?
हाँ, ऐसा हो सकता है। एक बार गर्भपात होने के बाद दोबारा गर्भपात होने का जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है। बार-बार गर्भपात होने पर डॉक्टर से गहन जाँच और उपचार की आवश्यकता होती है।
पहले miscarriage के बाद pregnancy कब plan करें?
आमतौर पर, अधिकांश डॉक्टर 2 से 3 मासिक धर्म चक्रों के बाद फिर से गर्भावस्था की योजना बनाने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर और मन पूरी तरह से स्वस्थ हो सकें। लेकिन सबसे अच्छा है कि आप अपने डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लें।
क्या stress miscarriage का कारण बन सकता है?
अत्यधिक भावनात्मक तनाव (Stress) सीधे तौर पर गर्भपात का एक सिद्ध कारण नहीं है, लेकिन यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवनशैली को प्रभावित कर सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान तनाव कम करना महत्वपूर्ण है।
Miscarriage और abortion में सबसे बड़ा अंतर क्या है?
Miscarriage प्राकृतिक और अनैच्छिक रूप से होता है, जबकि Abortion (गर्भसमापन) गर्भावस्था को जानबूझकर समाप्त करने की प्रक्रिया है।

Dr. Swati Singh (MBBS, MD – Obstetrics & Gynecology, DNB, FRM, Diploma in Reproductive Medicine and Embryology – Germany) is a leading Infertility Specialist and Gynecologist with over 18 years of experience. As Co-Founder and Senior Consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, she offers advanced fertility care including IUI, IVF, ICSI, and management of female reproductive disorders. Known for her compassionate and patient-first approach, Dr. Swati combines global training with deep clinical expertise. She is also actively involved in women’s health advocacy, medical research, and promoting awareness about reproductive wellness and fertility treatments.








