बच्चेदानी में गाँठ अर्थात फायब्रॉइड एक ऐसी स्थिति है जो आम तौर पर महिलाओं में उन वर्षों में दिखाई देती हैं जब वो बच्चों को जन्म देने में सक्षम हो जाती हैं| परन्तु कुछ स्थानीय अध्ययनों और विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या व्यापक है।
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 40% महिलाएं यूट्रस की गांठ से पीड़ित हैं। इसी तरह तेलंगाना में किए गए एक अध्ययन ने दिखाया कि 20-39 वर्ष की महिलाओं में फाइब्रॉएड की प्रचलन दर 37.2% और 40-59 वर्ष की महिलाओं में 57.3% थी।
अधिकाँश मामलों में Fibroids या बच्चेदानी में गाँठ normal होती है परन्तु कई rare cases में यूटेरिन फाइब्रॉइड्स या बच्चेदानी में गाँठ का size अनावश्यक रूप से बढ़ने लगता है और ये विभिन्न लक्षण और समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती है जैसे पीरियड्स में ज्यादा bleeding होना, असहनीय दर्द होना, अधिक बार मासिक धर्म का होना आदि|
यदि आपको भी यह समस्याएं होती है तो यह कोई सामान्य बात नहीं है, हो सकता है कि इसका कारण बच्चेदानी में गांठ हो। इसलिए कुछ समस्याओं को नजरंदाज नहीं करना चाहिए|
चलिए इस ब्लॉग के द्वारा विस्तार से जानते हैं की बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है तथा बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं|
बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है
हालांकि WHO के अनुसार हर पांच में से एक महिला में बच्चेदानी में गाँठ के लक्षण दिखते हैं, परन्तु ये जरूरी नहीं कि हर case में ये हानिकारक हो|
Yaami Fertility Center की expert डॉ. स्वाति का कहना है की बच्चेदानी में गाँठ से होने वाली समस्याएँ उसके size और स्थिति पर निर्भर करती है|
आइये विस्तार से समझते हैं कि बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है|
1. गर्भधारण में समस्या:
बच्चेदानी में गांठ का होना गर्भधारण के लिए एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आता है। यदि बच्चेदानी में गाँठ है तो संभव है कि आपको pregnancy में दिक्कतों का सामना करना पड़े या pregnancy ही ना हो|
यदि बच्चेदानी में गाँठ है तो न सिर्फ बच्चे का विकास ठीक से हो पाता है, बल्कि बच्चे के प्रीमैच्योर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अलावा गर्भधारण के पहले और बाद में महिला को अत्यधिक दर्द सहन करना पड़ सकता है।
कई मामलों में Fibroids के कारण वजन तेजी से बढ़ने लगता है, जिससे PCOD की समस्या हो जाती है, जो गर्भधारण की प्रक्रिया को और मुश्किल कर देती है।
सिर्फ इतना ही नहीं यह महिलाओं की फर्टिलिटी को भी प्रभावित करती है। हालांकि, आजकल IVF की मदद से गर्भधारण किया जा सकता है, परन्तु इसके लिए समय रहते विशेषज्ञ से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
2. मासिक धर्म में बदलाव:
बच्चेदानी में गाँठ के कारण मासिक धर्म का चक्र भी प्रभावित होता है| जैसे सामान्य तौर पर bleeding 5-7 दिन तक होती है, लेकिन अगर ब्लीडिंग 15-20 दिनों तक चलती है तो ये असामान्य है और इसका कारण बच्चेदानी में गांठ भी हो सकता है।
लगातार हैवी ब्लीडिंग होने से न सिर्फ महिलाओं को कमजोरी और थकान महसूस होती है बल्कि pregnancy होने में भी मुश्किलें होती है। लम्बे समय तक इलाज न मिलने पर heavy bleeding से एनीमिया की शिकायत भी हो सकती है।
मासिक धर्म से बदलाव या irregular periods आपके career और वैवाहिक जीवन को भी affect करते है। ऐसे में समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
3. पेट के निचले हिस्से में दर्द
यदि अधिक समय तक बच्चेदानी में गांठ है और यह असामन्य है तो पेट के निचले हिस्से में दर्द रहने लगता है। कई दफा ये दर्द सामान्य से ज्यादा भी हो सकता है, जो कि पीठ और निचले हिस्से में भी पहुंच जाता है। इसके साथ ही पेट के निचले हिस्से में और पैरों में सूजन भी होने लगती है।
इसके कारण रोज़मर्रा के कामों में भी काफी मुश्किल होने लगती है। इसके अलावा भूख कम लगना और मोटापा बढ़ना भी इसमें शामिल है। अगर इन सबको मिलाकर देखा जाए, तो बच्चेदानी में गांठ के कारण बहुत सी बड़ी बीमारियां भी होने लगती हैं।
4. बार-बार पेशाब का आना
बच्चेदानी में गांठ के कारण महिलाओं में पेशाब से संबंधित समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। Fibroids का size बढ़ने के कारण वे मूत्राशय पर दबाव डालते हैं और इस कारण बार-बार पेशाब का आना या रुक-रुक कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि Fibroids लम्बे समय तक रहे तो वो urine infection जैसी परेशानियाँ भी पैदा कर सकती हैं।
5. संभोग के दौरान दर्द या परेशानी
हालांकि सम्भोग के दौरान हल्का दर्द महसूस होना महिलाओं में आम है परन्तु यदि ये दर्द असहनीय हो और सम्भोग में बाधा बनने लगे तो इसका कारण बच्चेदानी में गाँठ भी हो सकता है।
यह दर्द मुख्यतः उस स्थान पर निर्भर करता है जहाँ गांठ स्थित होती है; ऊपरी हिस्से में स्थित गांठ से अधिक दर्द उत्पन्न होने की संभावना होती है। यदि समस्या को लम्बे समय तक नज़रंदाज़ किया जाए तो ये गंभीर हो सकती है इसलिए अगर संभोग के दौरान दर्द या परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो इसे डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
6. पेट में सूजन
कई मामलों में बच्चेदानी की गांठ के कारण पेट में सूजन भी आने लगती है। यह सूजन नाभि के निचले हिस्से में देखने को मिलती है। इसके कारण पेट भरा हुआ महसूस होने, भूख न लगने और दर्द के कारण बुखार आने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
पेट की सूजन के साथ साथ पेट में इंफेक्शन, हार्मोनल बदलाव जैसी अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं, जो आगे चलकर अत्यधिक परेशानी का कारण बनती हैं।
7. कब्ज का होना
बच्चेदानी में गांठ से कब्ज की समस्या होने लगती है। बच्चेदानी की गांठ के दबाव के कारण मल त्यागने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना भी शुरू हो जाता है।
8. खून की कमी और कमजोरी
बच्चेदानी में गाँठ के कारण heavy bleeding होती है, और bleeding के कारण खून की कमी होने लगती है। खून की कमी होने के कारण अक्सर हीमोग्लोबिन की कमी, चक्कर आना,लगातार कमजोरी महसूस होना आदि समस्याएं देखने को मिलती है।
यदि समय रहते डॉक्टर से परामर्श न लिया जाए तो ये एनीमिया का कारण भी बन सकता है।
9. पीठ और पैर में दर्द
पीठ और पैर में दर्द: पेट में सूजन, दर्द और कमजोरी के कारण शरीर में कमजोरी के कारण पीठ और पैरों में दर्द रहने लगता है। ऐसे में खुद को हेल्दी डाइट देना और शरीर को स्ट्रॉन्ग रखना बहुत जरुरी है।
हालाकि बच्चेदानी में गांठ महिलाओं के शरीर की एक आम घटना है, लेकिन कई मामलों में ये गंभीर रूप ले लेती है। अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह न सिर्फ महिला के जीवन की गुणवत्ता पर असर डालती है बल्कि उनकी reproductive health और conceive करने की क्षमता को भी प्रभावित करती है।
इस ब्लॉग के माध्यम से आप विस्तार से यह जान चुके हैं कि बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है ऐसे में इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है, ताकि इसे कंट्रोल में किया जा सके।
यदि आपको भी असामान्य पेट में दर्द, सम्भोग के दौरान दर्द, या heavy bleeding जैसे लक्षण है तो एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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Frequently Asked Questions
बच्चेदानी में गांठ होने से क्या नुकसान होता है?
बच्चेदानी में गांठ (फाइब्रॉइड्स या सिस्ट) होने से कई समस्याएं हो सकती हैं। इसका प्रभाव महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर पड़ सकता है।
चलिए जानते हैं विस्तार से कि बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है :
1. मासिक धर्म में अनियमितता: अत्यधिक रक्तस्राव या दर्द।
2. गर्भधारण में कठिनाई: गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है या बार-बार गर्भपात हो सकता है।
3. पेट में दर्द या भारीपन: गांठ बढ़ने से पेट में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है।
4. मूत्र संबंधी समस्याएं: गांठ के कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बार-बार पेशाब आना या रुकावट हो सकती है।
5. थकावट और कमजोरी: अत्यधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है।
बच्चेदानी खराब होने का क्या संकेत है?
बच्चेदानी खराब होने के कुछ सामान्य संकेत होते हैं, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
1. अनियमित मासिक धर्म: समय से पहले या बाद में मासिक धर्म आना।
2. अत्यधिक रक्तस्राव: मासिक धर्म के दौरान सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव।
3. लगातार पेट दर्द: पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द या भारीपन।
4. गर्भधारण में समस्या: बार-बार गर्भपात या गर्भधारण करने में असमर्थता।
5. सफेद पानी की समस्या: अत्यधिक या दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज।
6. शरीर में कमजोरी और थकान: एनीमिया या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण।
अगर आपको इन समस्याओं में से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। समय पर उपचार से समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।
Meet Dr. Swati Singh, a renowned Reproductive Medicine and IVF Specialist based in Indore. With 17 years of experience, she stands as a beacon of hope for couples at Yaami Fertility and IVF Center. Dr. Singh’s passion for academic teaching, research, and cutting-edge technology shines through as she helps couples realize their parenthood dreams with unwavering dedication.