क्या आपके कभी ऐसा हुआ है कि आप पीरियड्स के दर्द से परेशान हैं, आपने कुछ खाया और अब आप पहले से ज्यादा खराब महसूस कर रही हैं या आपका दर्द और अधिक असहनीय हो चुका है|
अगर हाँ तो ये आपके गलत खाद्य पदार्थ के चुनाव की वजह भी हो सकता है| अक्सर हमे स्वाद में अच्छी लगने वाली चीजे हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है और ऐसे में मासिक धर्म के दौरान इनका सेवन आपकी सेहत को और अधिक खराब करने के साथ-साथ आपकी पीड़ा को भी बढ़ा सकता है|
पीरियड्स के दौरान सही खानपान आपके पेट दर्द, थकावट, मूड स्विंग्स, और हार्मोनल बदलाव जैसी समस्याओं को ना सिर्फ कम कर सकता है बल्कि आपका पूरा अनुभव बेहतर बना सकता है|
चलिए इस ब्लॉग के द्वारा जानते है कि आपको पीरियड्स में क्या नहीं खाना चाहिए और क्यूँ |
पीरियड में क्या नहीं खाना चाहिए | Period Me kya Nahi Khana Chahiye
अधिकतर महिलाएं ये तो पता लगा लेती हैं की पीरियड्स के दौरान उन्हें क्या खाना चाहिए परन्तु हम भूल जाते हैं कि पीरियड्स के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए ये जानना भी उतना ही जरुरी है|
उदाहरण के लिए यदि आप कैफीन, अत्यधिक मीठा, और तली भुनी चीजों का सेवन करती हैं तो आपको पेट की ऐंठन, सूजन और थकावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|
आपकी मदद के लिए सारणी की किस खाद्य पदार्थ को खाने से क्या नुक्सान होता है |
खाद्य पदार्थ | क्या शामिल है | खाने से होने वाले नुकसान |
तली-भुनी चीजें | ट्रांस फैट, कैलोरी | सूजन, वजन बढ़ना, खराब ब्लड सर्कुलेशन |
कैफीन | कैफीन, एंटीऑक्सिडेंट्स | डिहाइड्रेशन, मूड स्विंग्स, पेट दर्द |
शराब | एल्कोहोल | डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, नींद की कमी |
डेयरी प्रोडक्ट्स | एराकिडोनिक एसिड, फैट्स | पेट दर्द, गैस, सूजन |
मीठी चीजें | चीनी, कैलोरी | सूजन, हॉर्मोनल असंतुलन, अनावश्यक वजन बढ़ना |
आइये विस्तार से समझते हैं की किस खाद्य पदार्थ को माहवारी के समय खाने से बचना चहिये|
1. तली-भुनी चीजें
अक्सर लोग तली भुनी चीज़ें बहुत शौक से खाते हैं, पर हम में से बहुत कम लोग ये जानते होंगे की तली भुनी खाद्य सामग्री जेसे पकौड़े, समोसे, फ्रेंच फ्राइज और अन्य सामग्री न सिर्फ आपका पेट खराब करती है बल्कि लम्बे समय पर कई गंभीर बीमारियों का भी कारण बनती है|
पीरियड्स में तली भुनी चीजें आपके शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को बढाती है जिससे न सिर्फ सूजन बढती है बल्कि माहवारी के दौरान दर्द भी अधिक होता है| इसके अतिरिक्त तली भुनी चीजें खाने से ब्लड सर्कुलेशन में कमी हो सकती है जिससे आपको थकान एवं कमजोरी महसूस होती है|
यदि आप नियमित रूप से तली भुनी चीजे खाते हैं तो आपका कोलेस्त्रोल भी बढ़ सकता है| इसलिए यदि आप अत्यधिक दर्द, पेट में ऐठन और थकान से बचना चाहते हैं तो तली भुनी सामग्री खाने से बचें या सीमित मात्रा में इनका सेवन करें|
2. कैफीन
चाय और कॉफ़ी हमारे दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण भाग है परन्तु ये जानना भी जरुरी है की ये कैफीन का उच्च स्त्रोत है| अत्यधिक कैफीन मासिक धर्म के दौरान एक बड़ी समस्या बन सकता है।
कैफीन रक्त कोशिकाओं (blood vessels) को संकुचित करता है परिणामस्वरूप गर्भाशय भी संकुचित हो जाता है| जिससे पेट में मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ जाती है। इसके अलावा, कैफीन डिहाइड्रेशन का भी कारण बनता है, जो सिरदर्द और थकावट को और बढ़ा देता है।
अगर आप नियमित रूप से चाय, कॉफी, या एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करती हैं, तो इसे सीमित करने की कोशिश करें। इसके बजाय आप, ग्रीन टी या हर्बल चाय (hibiscus tea or chamomile tea) का विकल्प चुन सकतीं हैं, जो शरीर को आराम देता और साथ ही आपकी बॉडी को भी डेटोक्स (detox)करता है।
3. शराब (Alcohol)
जब हमारा शरीर मासिक धर्म से गुजरने वाला होता है तो हम में कई तरह के बदलाव होते हैं जैसे होर्मोनेस का उतार चढाव, मांसपेशियों में कमजोरी, डिहाइड्रेशन, इत्यादि| ऐसे में शराब का सेवन आपके मासिक धर्म को बद से बदतर बना सकता है|
शराब के सेवन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे सिरदर्द, थकावट, और मूड स्विंग्स की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा, शराब लिवर पर दबाव डालती है, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है। यह स्थिति न केवल ऐंठन बढ़ाती है, बल्कि आपकी नींद और मानसिक स्थिरता को भी प्रभावित करती है।
अगर आप पीरियड्स के दौरान आरामदायक महसूस करना चाहती हैं, तो शराब से पूरी तरह बचें।
4. डेयरी प्रोडक्ट्स
डेरी प्रोडक्ट्स अर्थात दूध व दूध से बने उत्पाद आम तौर पर सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, परन्तु आपको जानकर ये हैरानी होगी की माहवारी के दौरान आपको दूध से बने उत्पादों का सेवन सीमित मात्रामें करना चाहिए|
डेयरी प्रोडक्ट्स, विशेष रूप से दूध और पनीर, में एराकिडोनिक एसिड होता है। यह पदार्थ प्रोस्टाग्लैंडिंस के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो पेट दर्द और सूजन का मुख्य कारण है।
इसके अलावा, डेयरी उत्पाद पेट में गैस और बदहजमी का कारण भी बन सकते हैं, तो अगर आपको Bloating stomach/ गैस की समस्या होती है, तो डेयरी प्रोडक्ट्स से बचें।
इनकी जगह आप सोया मिल्क या बादाम मिल्क जैसे विकल्प अपना सकती हैं।
5. मीठी चीजें
पीरियड्स में मीठा खाने की क्रेविंग होना आम बात है पर आपको ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि मीठे में पीरियड्स क्या नहीं खाना चाहिए और अत्यधिक चीनी युक्त पदार्थ आपकी सेहत के लिए क्यूँ नुक्सानदेय होते हैं|
चीनी से भरे डेसर्ट, चॉकलेट्स, और पैकेज्ड जूस न केवल वजन बढ़ाते हैं, बल्कि हार्मोनल असंतुलन का कारण भी बनते हैं।
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शर्करा युक्त पदार्थ सूजनकारी होते हैं| इसके अतिरिक्त मीठी चीजों का अधिक सेवन ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा और घटा सकता है तथा यह स्थिति थकावट, मूड स्विंग्स, और सूजन को और बढ़ा सकती है।
इसलिए प्राकृतिक मीठे विकल्पों जैसे गुड़, खजूर, और शहद को अपनी डाइट में शामिल करें।
Conclusion
पीरियड्स के दौरान खान पान बेहद महत्वपूर्ण है| अच्छा एवं शुद्ध खान पान न सिर्फ आपको सेहतमंद बनता है बल्कि आपकी महावारी की चुनौतियों से निपटने में भी आपकी सहायता करता है|
अगली बार जब भी आप ये सोचेंगी की पीरियड्स में क्या नहीं खाना चाहिए और अपनी सूचि तैयार करें तो ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों को जरुर याद रखें और इनसे बचने की कोशिश करें|
अधिक सहजता के लिए आप ये भी जान सकती हैं की पीरियड्स में आपको क्या खाना चाहिए|
इन छोटे-छोटे बदलावों से न केवल आपकी शारीरिक तकलीफें कम होंगी, बल्कि आप इस समय को अधिक आरामदायक महसूस करेंगी।
यदि आपको खाद्य पदार्थों में बदलाव एके बावजूद मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द है और साधारण उपायों से भी राहत नहीं मिल रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको विशेषज्ञ की सलाह लेने की आवश्यकता है।
यामी फर्टिलिटी सेंटर में, हमारे विशेषज्ञ आपके हर सवाल का जवाब देने और आपकी समस्या को समझने के लिए सदैव तत्पर हैं। हम व्यक्तिगत सलाह और आपके लिए उपयुक्त समाधान प्रदान करते हैं, ताकि आप अपनी दिनचर्या में सुधार कर सकें और आपके दर्द से छुटकारा पा सकें।
हमारी वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त करें या दिए गए नंबर पर कॉल कर सीधे हमारे विशेषज्ञों से जुड़ें।

Dr. Swati Singh (MBBS, MD – Obstetrics & Gynecology, DNB, FRM, Diploma in Reproductive Medicine and Embryology – Germany) is a leading Infertility Specialist and Gynecologist with over 18 years of experience. As Co-Founder and Senior Consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, she offers advanced fertility care including IUI, IVF, ICSI, and management of female reproductive disorders. Known for her compassionate and patient-first approach, Dr. Swati combines global training with deep clinical expertise. She is also actively involved in women’s health advocacy, medical research, and promoting awareness about reproductive wellness and fertility treatments.