प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है – डॉ स्वाति

माँ बनना हर महिला के लिए एक ख़ूबसूरत एहसास होता है| ये किसी भी महिला के जीवन का वो पड़ाव है जब वो 

स्त्रीत्व से मातृत्व में प्रवेश करती है|  ये और ज्यादा ख़ास तब हो जाता है जब वह पहली बार माँ बनती है| 

चूँकि वे पहली बार माँ बन रही होतीं है ऐसे में मन में कई तरह के सवाल उत्पन्न होना एवं आशंकाएं होना एक आम बात है| 

आम तौर पर पहले मातृत्व का अनुभव कर चुकी महिलाओं को शुरूआती दिनों में ही एहसास हो जाता है कि वो Pregnant हैं| परन्तु कुछ महिलाओं को बिलकुल भी एहसास नहीं होता है कि वे गर्भवती हैं या नहीं या किन लक्षणों के द्वारा ये पता लगाया जा सकता है| ऐसे में उनके मन में कई तरह के सवाल उत्पन्न होते हैं की pregnancy kaise pata chalta hai या प्रेग्नेंट होने के लक्षण कितने दिन में पता चलता है|

इस ब्लॉग के द्वारा यामी फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ स्वाति विस्तार से बताती हैं कि प्रेगनेंसी का कैसे पता चलता है (pregnancy kaise pata chalta hai) तथा प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है|

प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में दिखने वाले लक्षण – 1st Week Pregnancy Symptoms in Hindi

डॉक्टर स्वाति के अनुसार गर्भधारण का पहला सप्ताह बहुत खास होता है क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं| हालांकि सभी महिलाओं का शरीर अलग होता है और उन्हें दिखने वाले लक्षणों में भी फर्क हो सकता है परन्तु ऐसे कुछ सामान्य लक्षण भी हैं जिन्हें जानना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है| 

1. माहवारी का न होना (Missed Period)

पीरियड्स का मिस हो जाना गर्भधारण का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है| यदि आपकी पीरियड्स डेट ( periods date) को 1 सप्ताह या उससे ज्यादा समय हो गया है तो संभावना है कि आप गर्भवती हैं| इसका एक और सबसे बड़ा संकेत तब है जब आम तौर पर आपकी periods cycle समय पर होती है परन्तु इसी बार आपको देरी हुई है तो preganancy की संभावना हो सकती है|

परन्तु पीरियड्स मिस होने के और भी कई कारण हो सकते हैं| यामी फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ स्वाति का कहना है कि पीरियड्स मिस (Periods Miss) हार्मोनल बदलाव, Stress, Weight Change, PCOS या अन्य किसी Medical Condition का भी कारण होते हैं| अर्थात यदि आप लम्बे समय से तनाव में है या स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी और समस्या से जूझ रही हैं तो भी आपके पीरियड्स में देरी हो सकती है इसलिए सिर्फ पीरियड्स मिस होने को प्रेगनेंसी का आधार नहीं मानना चाहिए| 

तो चलिए पता लगाते हैं इसके आलावा और कौन कौनसे लक्षणों पर आपको ध्यान देना चाहिए|

2. हल्की ब्लीडिंग और ऐंठन (Light Bleeding and Cramping)

प्रेगनेंसी का दूसरा सबसे बड़ा लक्षण होता है हल्की ब्लीडिंग (Light bleeding) होना| ध्यान देने योग्य बात ये है की ये ब्लीडिंग साधारण माहवारी की ब्लीडिंग नहीं होती है बल्कि यह गर्भधारण के बाद की इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) होती है| 

जब किसी भी महिला का फर्टाइल एग एंडोमेट्रियम लाइनिंग (गर्भाशय की अंदरूनी परत) से चिपकने लगता है तो उस प्रक्रिया में कुछ ब्लड सेल्स फट जाते हैं (Damage ho jate hain), जिससे हल्की ब्लीडिंग हो सकती है| परन्तु ये ब्लड पीरियड्स के ब्लड से बिलकुल अलग हल्का गुलाबी या भूरे रंग का होता है| पीरियड्स में रक्तस्त्राव तेजी से होता है इसलिए पेट में ज्यादा तेज दर्द होता है लेकिन इस प्रक्रिया में बहुत कम रक्तस्त्राव होता है इसलिए थोड़ी बहुत (cramping) ऐंठन महसूस हो सकती है|

Implantation Bleeding सामन्यतः गर्भधारण के 6-12 दिनों के बाद होती है, यदि हम ध्यान दें तो इस लक्षण के द्वारा पता लगाया जा सकता है कि गर्भधारण हुआ है या नहीं|

3. स्तनों में बदलाव (Changes in Breasts)

पीरियड्स मिस होने के कुछ दिन बाद ये लक्षण देखा जा सकता है| आमतौर पर गर्भधारण के शुरूआती हफ्ते में महिलाओं को अन्य कई बदलाव के साथ साथ उनके स्तनों में भारीपन भी महसूस होता है| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर में कई तरह के हार्मोनल और मानसिक बदलाव आते हैं| 

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में progesterone का स्तर बढ़ जाता है जिससे न सिफ ब्लड फ्लो बढ़ता है बल्कि आपको स्तनों में भारीपन, दर्द तथा सूजन भी महसूस हो सकती है| कई मामलों में निप्पल का रंग भी गहरा हो सकता है|

सरल शब्दों में समझा जाये तो आपका शरीर मातृत्व के लिए तैयार होने लगता है| 

4. थकान और नींद की कमी (Fatigue and Lack of Sleep)

Pregnancy के दौरान शरीर का मेटाबोलिज्म (शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया)  काफी बढ़ जाता है और साथ ही ऊर्जा की मांग भी बढ़ जाती है| ऐसे में आप बिना किसी कारण थकान महसूस करती हैं| इस विषय में डॉक्टर स्वाति का कहना है की पर्याप्त मात्रा में नींद लेना और संतुलित भोजन करने से आपकी स्थिति में काफी सुधार हो सकता है|

5. मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)

अमूमन मतली और उलटी का लक्षण प्रेगनेंसी के 2-8 सप्ताह बाद शुरू हो सकता है| हलाकि इसे मोर्निंग सिकनेस (Morning Sickness) कहा जाता है लेकिन यह दिनभर या किसी भी समय हो सकता है|

मितली या उलटी से बचने के लिए आप एकसाथ खाना खाने के बजाय छोटे-छोटे भोजन पर सकती हैं|

6. मूड स्विंग्स (Mood Swings)

गर्भधारण के दौरान आपके शरीर में कई तरह होर्मोनल बदलाव (hormonal changes) होते है और उन होर्मोनल बदलावों के कारण आपकी भावनाएं अनियंत्रित हो सकती है| आप कभी बहुत ज्यादा गुस्से एवं बहुत ज्यादा ख़ुशी जेसी भावनाओं का सामना कर सकती हैं|

इसलिये यदि ऊपर दिए लक्षणों के साथ साथ आपको मूड स्विंग्स (Mood Swings) भी हो रहे है तो गर्भधारण संभावित है|

7. सूंघने और खाने की आदतों में बदलाव (Changes in Smell and Eating Habits)

होर्मोनेस में बदलाव होने के कारण आपकी गंध के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, और कुछ खाने की चीजों की क्रेविंग भी हो सकती है| हो सकता है आपको कुछ खाद्य पदार्थों की गंध अच्छी ना लगे या कुछ खाद्य पदार्थ बहुत अधिक खाने का मन करे| 

ये भी संभावित है की जो आपको पहले पसंद था वो अब पसंद ना हो और जो नापसंद था अब वो पसंद आये|

8. बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)

गर्भधारण के दौरान आपके शरीर में रक्तप्रवाह बढ़ जाता है, जिससे किडनी ज्यादा यूरिन (urine) बनाती है| इसके कारण आपको बार बार पेशाब जाने की जरुरत महसूस हो सकती है| इस सन्दर्भ में डॉक्टर स्वाति का कहना है की भले ही आपको Frequent Urination हो परन्तु खुद को Hydrate रखना अत्यंत आवश्यक है|

9. पेट में गैस या पेट दर्द (Stomach Gas or Stomach Pain)

कुछ महिलाओं को गर्भधारण के शुरूआती दिनों में पेट में हल्का दर्द या गैस की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है| 

10. भूख का बढ़ना (Increased Appetite)

गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर कई तरह के बदलावों का सामना करता है| शरीर में progesterone का स्तर बढ़ जाता है और आप अक्सर थका हुआ महसूस करती हैं| ऐसे में शरीर को कई पोषक तत्वों की जरुरत पड़ती है और आपको भूख ज्यादा लगती है|

प्रेगनेंसी के समय आपको अपने स्वास्थय का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है इसलिए जरुरी है की आप समय समय पर कुछ खाती रहें|

हलाकि हर प्रेगनेंसी Unique होती है फिर भी यदि आपको ऊपर दिए लक्षणों में से कोई लक्षण हैं तो संभावित है की आप प्रेगनेंट हैं| ऐसे में आप अपने घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं या अपने नजदीकी स्त्री रोग विशेषक से भी सलाह ले सकती हैं|

प्रेगनेंसी को कैसे कंफर्म करें How To Confirm Pregnancy in Hindi

मान लीजिये की आपने लक्षणों के आधार पर ये अनुमान लगा भी लिया कि आप Pregnant हैं फिर भी इस बात की पुष्टि कर लेना आवश्यक है| आइये जानते ऐसे कुछ तरीके जिनसे आप अपनी प्रेगनेंसी को कन्फर्म कर सकती हैं|

1. होम प्रेग्नेंसी टेस्ट (Home Pregnancy Test)

होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट आपको बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इनका इस्तेमाल पीरियड्स मिस होने के 1-2 सप्ताह बाद किया जा सकता है| Home Pregnancy Test सबसे सामान्य और सटीक विकल्प है जिससे आप अपने घर पर ही प्रेगनेंसी की पुष्टि कर सकते हैं| 

इन टेस्टों में यूरिन सैंपल के द्वारा आपके शरीर में HCG Hormone (Human Chorionic Gonadotropin) स्तर को मापा जाता है तथा गर्भधारण का पता लगाया जाता है| 

Note- यदि आप पीरियड्स मिस होने के तुरंत बाद की टेस्ट करती हैं तो शरीर में पर्याप्त मात्र में HCG न होने के कारण गर्भवती होने के बावजूद परिणाम नेगेटिव हो सकते हैं|

2. स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह (Gynecologist’s Advice)

मानिए आपका HCG Test नेगेटिव आया है जबकि आपको प्रेगनेंसी के लक्षण है तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह ले सकतीं हैं| स्त्री रोग विशेषज्ञ एक स्वस्थ व साधारण सी जांच के बाद प्रेगनेंसी है या नहीं इसकी पुष्टि कर सकते हैं| 

3. उल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

अल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी का पता लगाने का एकदम सटीक व भरोसेमंद विकल्प है| इस तकनीक के द्वारा आप बच्चे की छवि को आसानी से देख सकते हैं|

गर्भधारण की पुष्टि के लिए 6-8 सप्ताह के बीच अल्ट्रासाउंड किया जाता है तथा भ्रूण की स्थिति और विकास का पता लगाया जाता है|

4. ब्लड टेस्ट (Blood Test)

साधारण ब्लड टेस्ट के द्वारा भी प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है| Blood Test के द्वारा आपके शरीर में HCG Hormone का स्तर मापा जाता है तथा गर्भधारण की पुष्टि की जाती है|

आम तौर पर ब्लड टेस्ट की सलाह तब दी जाती है जब Home Pregnancy Test से निष्कर्ष न निकले या आपकी पहले High-risk Pregnancy रही हो| ऐसे में माँ और बच्चे की देखभाल समय रहते सुनिश्चित की जा सकती है|

Conclusion

प्रेगनेंसी में होने वाले शुरूआती लक्षण सब महिलाओं के शरीर और स्वास्थ्य के अनुसार अलग अलग हो सकते हैं| यदि आप प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है (pregnancy ke lakshan kab dikhte hai) यह जानना चाहती हैं तो ऊपर बताये गए लक्षण और परीक्षण आपके लिए मददगार होंगे|

अगर आपके गर्भधारण की पुष्टि हो जाती है तो आपको शरुआती दिनों में अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए| इनमे पौष्टिक आहार लेना, खुद को Hydrate रखना, नियमित रूप से योग और ध्यान करना तथा भरपूर नींद लेना आदि शामिल है|

यदि आप गर्भधारण में किसी समस्या का सामना कर रही हैं, तो यामी फर्टिलिटी सेंटर आपके हर सवाल का जवाब है| हमारे विशेषज्ञ टीम न सिर्फ आपकी बात को समझेगी बल्कि उच्चतम तकनीक का प्रयोग द्वारा आपको व्यक्तिगत परामर्श प्रदान करेगी एवम मातृत्व के सपने को साकार करने में आपकी मदद करेंगे|

अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट विजिट करें तथा दिए हुए नंबर पर कॉल करें| 

Frequently Asked Questions

1. प्रेगनेंसी का पहला संकेत क्या है?

प्रेगनेंसी का पहला संकेत अक्सर माहवारी का न आना (Missed periods) होता है। जब गर्भधारण होता है, तो शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एचसीजी (HCG) जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो माहवारी को रोकता है। इसके अलावा, हल्की ब्लीडिंग (इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग), थकान, स्तनों में संवेदनशीलता, और मतली भी प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। हालांकि, हर महिला के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।

2. गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?

गर्भधारण का पता आमतौर पर गर्भाधान के 10-14 दिन बाद चलता है। इस समय, शरीर में एचसीजी (HCG) हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिसे होम प्रेगनेंसी टेस्ट के जरिए मापा जा सकता है। यदि पीरियड मिस होने के बाद टेस्ट किया जाए, तो परिणाम अधिक सटीक होते हैं।

3. गर्भ ठहर गया है कैसे पता चलता है?

गर्भ ठहरने के पशचात शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं आप इन बदलावों के जरिये गर्भधारण का पता लगा सकतीं हैं| उदाहरण के लिए-

माहवारी का न आना: यह सबसे सामान्य और शुरुआती संकेत है।
इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग: गर्भाशय की दीवार में भ्रूण के जुड़ने से हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
थकान और स्तनों में बदलाव: शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण थकावट और स्तनों में संवेदनशीलता महसूस होती है।
मतली और उल्टी: यह गर्भधारण के 2-8 सप्ताह बाद हो सकता है।
सटीक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें या ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाएं।

4. कैसे जाने कि गर्भ ठहर गया है?

यदि आपको लगता है की आप गर्गभवती हैं या आप pregnancy के कुछ बदलावों का सामना कर रहीं हैं तो गर्भ ठहरने की पुष्टि के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:

होम प्रेगनेंसी टेस्ट: यह सबसे सरल और त्वरित तरीका है। सुबह के पहले यूरिन का इस्तेमाल करें।
ब्लड टेस्ट: एचसीजी हार्मोन की पुष्टि के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड: भ्रूण की स्थिति और विकास की जानकारी के लिए यह सबसे भरोसेमंद तरीका है।
डॉक्टर की सलाह: विशेषज्ञ से संपर्क कर अपने लक्षणों की पुष्टि करवाएं।

5. गर्भावस्था के 100% संकेत क्या हैं?

गर्भावस्था के कुछ 100% संकेत हैं, जो प्रेगनेंसी की पुष्टि करते हैं, जैसे-

एचसीजी हार्मोन का बढ़ना: ब्लड टेस्ट से इसकी पुष्टि होती है।
अल्ट्रासाउंड में भ्रूण का दिखना: यह गर्भधारण का सबसे सटीक प्रमाण है।
माहवारी का पूरी तरह रुकना: यदि पीरियड मिस होता है और अन्य लक्षण भी हैं, तो यह गर्भावस्था का पक्का संकेत है।
गर्भाशय के आकार में बदलाव: डॉक्टर द्वारा जांच के दौरान गर्भाशय में बदलाव महसूस किया जा सकता है।
यदि आपको कोई संदेह हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरुर लें।

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