पीरियड्स अर्थात मासिक धर्म हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है| नियमित एवम् साधारण मासिक धर्म चक्र न सिर्फ महिला के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की तंदरुस्ती को सुनिश्चित करता है बल्कि उसके अच्छे प्रजनन तंत्र को भी दर्शाता है|
महिलाएं एक छोटी उम्र से ही माहवारी की चुनोतियो का सामना करती है तथा उनके मन में कई-कई तरह के सवाल उत्पन्न होते है जेसे पीरियड्स में क्या खाना चाहिए, पीरियड्स में क्या नहीं खाना चाहिए, कितना आराम करना चाहिए आदि|
परन्तु एक और सबसे बड़ा प्रश्न तब उत्पन्न होता है जब वे अपने पार्टनर के साथ होती हैं जैसे कि क्या पीरियड्स में सेक्स करने से प्रेगनेंसी होती है? (period me sex karne se pregnancy), पीरियड्स के पांचवे दिन सम्बन्ध बनाने से क्या होता है? या पीरियड के कितने दिन बाद सम्बन्ध बनाने चाहिए?
एक महिला के तौर पर या अच्छे पार्टनर के तौर पर इन सब सवालों का उत्पन्न होना और जानने का इच्छुक होना बिलकुल जायज है|
और इस तरह के सवाल सिर्फ भ्रान्तियों और सामजिक मान्यताओं पर निर्भर नहीं होने चाहिए इसलिए यामी फर्टिलिटी सेंटर इंदौर की विशेषक डॉ. स्वाति इस ब्लॉग के जरिये विस्तार से इस विषय से जुड़े सभी प्रशनों का उतार देंगी कि पीरियड्स के कितने दिन बाद सम्बन्ध बनाने चाहिए (periods ke kitne din baad sex kare) या पीरियड्स के पांचवे दिन सम्बन्ध बनाने से क्या होता है|
पीरियड के दौरान संबंध बनाना
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना एक संवेदनशील और निजी विषय है, जिस पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय होती है। यदि व्यक्तिगत तौर पर देखा जाये तो पीरियड्स के शुरूआती 3-4 दिनों तक सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय महिलाएं पेट की ऐंठन (Menstrual pain) गुजरती हैं तथा असहज महसूस करती है|
मेडिकल साइंस के अनुसार, पीरियड्स के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है, लेकिन इसे लेकर कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं क्योंकि इस समय संक्रमण का खतरा अधिक होता है|
पीरियड्स के समय गर्भाशय का मुंह थोड़ा खुला होता है इसलिए साफ-सफाई और प्रोटेक्शन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
पीरियड्स के पांचवें दिन का अर्थ
पीरियड्स का पांचवां दिन उस समय का होता है जब आपके पीरियड्स के शुरूआती 4 दिन निकल चुके होते हैं, रक्तस्राव आमतौर पर हल्का हो जाता है या बंद होने के करीब होता है।
यह समय महिलाओं के लिए अपेक्षाकृत आरामदायक होता है क्योंकि ऐठन आदि की समस्या भी कम हो जाती है|
फर्टिलिटी के लिहाज से यदि देखा जाए तो इस समय प्रेगनेंसी के चांस बहुत कम होते हैं, क्योंकि ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) आमतौर पर पीरियड्स के 10-14 दिन बाद होता है। इसलिए इस समय को उन महिलाओं के लिए जो की माँ नहीं बनना चाहती है, सबसे उपयुक्त माना गया है|
हालाँकि रक्तस्त्राव कम हो जाता है परन्तु फिर भी गर्भाशय का मुंह खुला होने कारण संक्रमण का खतरा बना रहता है|
पीरियड के पांचवें दिन संबंध बनाने से क्या होता है
जब भी सम्बन्ध बनाने की बात आती है तो जो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं वो है- मासिक धर्म का चक्र और ओव्यूलेशन|
आम तौर पर मासिक धर्म का चक्र 28 दिन और ओव्यूलेशन का समय पीरियड्स आने के पहले दिन से 14 दिन बाद वाला समय होता है| ओव्यूलेशन का अर्थ है वो समय जब महिला के अंडाशय से एक अंडा निकलता है मतलब जो महिलाएँ माँ बनना चाहती है तो ये समय उनके लिए सम्बन्ध बनाने का सबसे उपयुक्त समय माना गया है|
परन्तु जो महिलाएं प्रेगनेंट नहीं होना चाहती उन्हें क्या करना चाहिए? चलिए जानते हैं!
जो महिलाएं प्रेगनेंट नहीं होना चाहती है उन्हें पीरियड्स के पांचवे दिन सम्बन्ध बनाना चाहिए क्योंकि Ovulation Period पीरियड्स के 10-12 दिनों बाद होता है और ऐसे में पांचवे दिन माँ बनने की संभावना बहुत कम होती है|
अर्थात पीरियड्स के तुरंत बाद के कुछ दिन सबसे सुरक्षित माने गए हैं|
नोट- यह ध्यान देने योग्य है की पीरियड्स साइकिल सब महिलाओं का अलग अलग होता है| कुछ महिलाओं का पीरियड्स साइकिल बहुत छोटा होता है ऐसे में सम्भावना है की उनका Ovulation Period भी जल्दी आ जाये, ऐसी महिलाएं पीरियड्स के तुरंत बाद भी प्रेगनेंट हो जाती है|
पीरियड के पांचवें दिन संबंध बनाने के फायदे
1. दर्द में राहत:
सामान्य तौर पर पीरियड्स के दौरान ऑर्गेज्म मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है, जिससे दर्द और तनाव में राहत मिलती है। हालाँकि कुछ महिलाओं को ऐंठन की समस्या अत्यधिक होती है और वे असहज महसूस करती हैं तो ऐसी महिलाओं को पहले विशेषक की सलाह लेनी चाहिए|
2. संबंधों में मजबूती:
पीरियड्स के दौरान महिलाएं भावनात्मक रूप से कमजोर होती हैं ऐसे में सम्बन्ध बनाने से इमोशनल कनेक्शन बनता है और इमोशनल कनेक्शन बढ़ाने से रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।
3. प्रेगनेंसी की संभावना कम:
पीरियड्स के इस चरण में ओव्यूलेशन नहीं होता, इसलिए प्रेगनेंसी के चांस कम होते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से गर्भनिरोधक उपाय नहीं है।
4. हार्मोनल बैलेंस:
ऑर्गेज्म के दौरान शरीर में डोपामाइन और ऑक्सिटोसिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं।
पीरियड के पांचवें दिन संबंध बनाने के जोखिम
1. संक्रमण का खतरा:
इस समय गर्भाशय का मुंह थोड़ा खुला होता है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से प्रवेश कर सकते हैं। इससे यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या अन्य संक्रमण हो सकते हैं। इसलिए सम्बन्ध बनाने के समय सावधानी बरतें या प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें|
2. ब्लड और फ्लूइड का संपर्क:
सम्बन्ध बनाने के दौरान ब्लड और बॉडी फ्लूइड्स के संपर्क में आने से यौन संचारित रोगों (STDs) का खतरा बढ़ सकता है।
3. असुविधा और दर्द:
कुछ महिलाओं को ऐंठन की समस्या अत्यधिक होती है तथा मांसपेशियां कमजोर हो जाती है ऐसे में सेक्स के दौरान असुविधा या दर्द हो सकता है।
4. अनियमित पीरियड्स:
इस समय सेक्स करने से हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं, जो कुछ मामलों में अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं।
डॉक्टरों की सलाह
अपनी तरफ से कोई भी राय बनाने से पहले हमें ये जान लेना चाहिए की हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या सही है और क्या नहीं|
चलिए जानते है कि पीरियड्स के दौरान सम्बन्ध बनाने को लेकर डॉक्टर्स की क्या सलाह है|
1. सुरक्षित यौन संबंध: पीरियड्स के दौरान हमेशा कंडोम या अन्य प्रोटेक्शन का उपयोग करें। इससे संक्रमण और STDs से बचाव होता है।
2. साफ-सफाई का ध्यान: संबंध बनाने से पहले और बाद में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
3.संवाद करें: यदि कोई असुविधा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
4. फर्टिलिटी से जुड़ी जानकारी: यदि आप गर्भधारण की योजना बना रहे हैं, तो पीरियड्स के 10 दिन बाद या ओव्यूलेशन के दौरान सेक्स करें।
चाहे पीरियड्स के दौरान सम्बन्ध बनाने की बात हो या बाद में, ये पूरी तरह couple की प्राथमिकता और आपसी सहमती पर निर्भर करना चाहिये|
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Frequently Asked Questions
पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाने से बेटा होता है?
हालांकि ऐसा कोई प्रमाणित लेख नहीं है परन्तु लिंग निर्धारण (बेटा या बेटी) का संबंध सीधे तौर पर यौन संबंध बनाने के समय और शुक्राणुओं की प्रकृति से जुड़ा होता है।
वैज्ञानिक रूप से, Y-क्रोमोसोम वाले शुक्राणु (जो लड़के के जन्म का कारण बनते हैं) हल्के और तेज होते हैं, लेकिन कम समय तक जीवित रहते हैं। वहीं, X-क्रोमोसोम वाले शुक्राणु (जो लड़की का कारण बनते हैं) धीमे होते हैं, लेकिन लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
पीरियड के खत्म होने के लगभग 10-14 दिन बाद ओव्यूलेशन का समय आता है। यदि ओव्यूलेशन के समय के आसपास (1-2 दिन पहले) संबंध बनाए जाएं, तो Y-क्रोमोसोम शुक्राणु के अंडाणु तक जल्दी पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
Note- यह ध्यान में रखने योग्य है की लिंग चयन प्रकृति की प्रक्रिया है इसे नियंत्रित करना संभव नहीं है| लिंग चयन के लिए किसी भी प्रकार के गैरकानूनी व अनैतिक तरीकों का प्रयोग ना करें|
पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ नहीं ठहरता है?
पीरियड चक्र के पहले और आखिरी दिनों में प्रेगनेंसी की संभावना बेहद कम होती है| आमतौर पर, पीरियड शुरू होने के पहले 7 दिन और खत्म होने के बाद के पहले 7 दिन को गर्भधारण के लिए कम संभावना वाले दिन माना जाता है। हालांकि, हर महिला का मासिक चक्र अलग होता है, और स्पर्म महिला के शरीर में 3-5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।
इसलिए 100% सुरक्षित दिन निर्धारित करना मुश्किल है।
बच्चेदानी का मुंह कितने दिन तक खुला रहता है?
पीरियड्स के दौरान और ओव्यूलेशन के समय बच्चेदानी का मुंह (सर्विक्स) थोड़ा खुला रहता है।
सर्विक्स खुला होने के दौरान इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इस समय साफ-सफाई और प्रोटेक्शन का ध्यान रखें।
प्रेग्नेंट होने का सबसे ज्यादा चांस कब होता है?
प्रेगनेंसी के लिए सबसे ज्यादा संभावना ओव्यूलेशन के दौरान होती है| यह पीरियड चक्र के 10वें से 14वें दिन के बीच होता है (28 दिन के चक्र के आधार पर)।
फर्टाइल विंडो के अनुसार ओव्यूलेशन के पहले 5 दिन और ओव्यूलेशन के दिन को सबसे उपजाऊ समय माना जाता है। इस दौरान शुक्राणु और अंडाणु के मिलने की संभावना सबसे अधिक होती है।
kya period me pregnant hoti hai?
पीरियड्स के दौरान प्रेगनेंसी की संभावना बेहद कम होती है, लेकिन यह पूरी तरह से असंभव नहीं है।
यदि किसी महिला का मासिक चक्र छोटा (21-24 दिन) हो, तो ओव्यूलेशन जल्दी हो सकता है। इस स्थिति में, यदि पीरियड के आखिरी दिनों में यौन संबंध बनाए जाते हैं, तो स्पर्म अंडाणु से मिल सकता है।
सावधानी:
गर्भधारण से बचने के लिए केवल पीरियड को गर्भनिरोधक उपाय न समझें। कंडोम या अन्य गर्भनिरोधक का उपयोग आवश्यक रूप से करें।
Meet Dr. Swati Singh, a renowned Reproductive Medicine and IVF Specialist based in Indore. With 17 years of experience, she stands as a beacon of hope for couples at Yaami Fertility and IVF Center. Dr. Singh’s passion for academic teaching, research, and cutting-edge technology shines through as she helps couples realize their parenthood dreams with unwavering dedication.