पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम महिलाओं में होने वाली एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में सही जानकारी बहुत कम और भ्रांतियां बहुत ज्यादा है | अक्सर महिलाऐं जानना चाहती है की उन्हें पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम है तो क्या वे माँ बन पाएंगी |
एक सवाल यह भी महत्वपूर्ण है की PCOS और PCOD में क्या अंतर है | आज के इस लेख में हम PCOS से जुड़े सभी सवालों के जवाब जानेंगें |
PCOS Kya Hota Hai (पीसीओएस क्या होता है?)
PCOS की full meaning in Hindi होती है पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम | यह महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल बीमारी है | बहुत सी महिलाऐं जानना चाहती है की PCOS और PCOD में क्या अंतर है |
तो जान लें की इनमें कोई अंतर नहीं है पहले इसे Polycystic Ovarian Disease ( PCOD ) के नाम से जाना जाता था और आज के समय मेडिकल भाषा में इसे Polycystic Ovarian Syndrome ( PCOS ) कहा जाता है |
महिलाओं में मुख्यतः 2 हार्मोन बनते है Estrogen और Progesterone इसके अलावा एक हार्मोन testosterone जो की एक मेल हार्मोन Androgen होता है उसे भी कम मात्रा में बनाती है | लेकिन कुछ वजहों से जब यह मेल हार्मोन Androgen अधिक बनने लगता है जिसकी वजह से बाकी 2 हार्मोन्स का प्रभाव कम होता है या वह काम नहीं कर पाते है |
इसके कारण ओवेरी से एग रिलीज नहीं हो पाते है और वह ओवेरी यानि की अंडाशय में अपरिपक्व होकर सिस्ट यानि की गांठ के रूप में बन जाते है | इस स्थिति को PCOS कहते है
PCOS के लक्षण (PCOS Symptoms in Hindi)

PCOS होने पर शरीर में कुछ हार्मोनल परिवर्तन दिखने लगते है, आइये जानते है उन लक्षणों के बारे में –
1. पीरियड की अनियमितता या बहुत कम पीरियड आना –
कई बार लड़कियां और महिलाऐं यह जानना चाहती है की उन्हें बहुत कम पीरियड्स आ रहे है तो उन्हें POCS की समस्या तो नहीं है | तो इसका जवाब है हां यह एक प्रमुख लक्षण है PCOS का |
यदि महिलाओं को 2 से 3 महीने में पीरियड्स आ रहे हो या फिर बिलकुल भी नहीं आ रहे | इसके अलावा माहवारी के समय बहुत ही कम रक्तस्त्राव हो रहा है तो यह भी PCOS की समस्या का एक प्रमुख लक्षण है
2. चेहरे पर मुंहासों का होना
जब महिलाओं के शरीर में हार्मोनल imbalace होने लगता है तो PCOS की समस्या होती है जिसकी वजह से चेहरे पर मुँहासे होने लगते है | मेडिकल की भाषा में इन्हें हार्मोनल या सिस्टिक एक्ने कहा जाता है |
3. शरीर और चेहरे पर बालों की असामान्य वृद्धि होना
महिलाओं के शरीर में जब मेल हार्मोन एण्ड्रोजन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से शरीर पर और चेहरे पर बालों की असामान्य वृद्धि होने लगती है |
4. गर्भधारण ना कर पाना
बहुत सी महिलाओं को को PCOS के बारे में तब पता चलता है जब वह गर्भधारण के लिए प्रयास करती है लेकिन बहुत प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है तो वह कुछ टेस्ट और मेडिकल जांच करवाती है जिसमें उनके PCOS की समस्या पता चलती है |
Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) का पता कैसे लगाए
अब यह जानने के लिए की वाकई आपको PCOS की समस्या है या नहीं उसके लिए एक तरीका है जिसमें यह देखा जाता है की कोई 2 लक्षण यदि एक समय पर आपके शरीर में दिखाई दे रहे है तो आपको PCOS हो सकता है |
सबसे पहले चरण में PCOS Daignose करने के लिए सोनोग्राफी करवानी होती है | सोनोग्राफी में यदि महिला के अंडाशय में बहुत सारे सिस्ट यानि की अपरिपक्व अंडे जिन्हें की String of Pearl appearance कहा जाता है |
पहले लक्षण में देखा जाता है की Patient को यदि लम्बे समय से Periods नहीं आ रहे है या 2,3 महीने के बाद पीरियड्स आ रहे है | इसके अलावा यदि पेशेंट को पीरियड्स आ भी रहे है तो वो बहुत ही कम मात्रा में आ रहे है तो यह PCOS का एक लक्षण है |
दूसरे लक्षण में देखा जाता है की यदि किसी महिला के शरीर में कुछ हार्मोनल imbalance के लक्षण दिखाई दे रहे है जैसे चेहरे पर मुँहासे होना या चेहरे पर दाढ़ी के जैसे बालों का उगना | या अगर आपने कोई ब्लड टेस्ट करवाया है तो उसमें यह पता चलता हो की आपके शरीर में Male hormones की मात्रा अधिक है तो यह एक लक्षण है PCOS का |
पीसीओएस के कारण (PCOS Causes in Hindi)

महिलाऐं और लड़कियों का एक सवाल यह भी रहता है की आखिर PCOS होता क्यों है और PCOS होने के कारण क्या होते है |
अनुवांशिक कारण – PCOS होने का यह सबसे प्रमुख कारण है | यदि आपके परिवार में यानि की आपकी मम्मी, बहन, दादी, नानी या और किसी ब्लड रिलेशन में किसी को PCOS की समस्या है तो आपको भी PCOS होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
तनाव – खास तौर पर आजकल शहरों में भागदौड़ की जिंदगी, घर परिवार और ऑफिस के दबाव में अक्सर महिलाऐं Personal Life पर ध्यान नहीं दे पाती है | इसके अलावा काम का स्ट्रेस ले लेती है जो की शरीर में हार्मोनल चेंज का कारण बन सकता है |
खानपान – परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी को पूरा करने के चक्कर में महिलाऐं कई बार अपना ब्रेकफास्ट या लंच छोड़ देती है | भोजन पर ध्यान नहीं देती है, कभी खाया कभी नहीं खाया, कभी बाजार से unhealthy खाना खा लिया | यह सब खानपान की बिगड़ती आदतें भी PCOS का कारण बनती है |
एक्ससरसाइज नहीं करने के कारण – अक्सर महिलाऐं कहती है, मुझे एक्ससरसाइज की क्या जरुरत मैं तो घर का पूरा काम करती हूँ | या मैं 2 किलोमीटर पैदल चलती हूं | लेकिन यह पर्याप्त नहीं है स्वयं को स्वस्थ और PCOS जैसी बीमारी से बचने या उससे recover करने के लिए महिलाओं को दिन में कम से कम 30 से 40 मिनिट एरोबिक एक्ससरसाइज करनी चाहिए | जिसमें उनका पसीना निकले और हार्टबीट कम से कम 120 तक पहुंचे |
Tests for PCOS
PCOS के लिए डॉक्टर्स Hormonal Imbalance चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट की सलाह देते है जिससे यह पता चल पाता है की शरीर में male hormone का प्रभाव ज्यादा है या नहीं |
इसके अलावा अल्ट्रासॉउन्ड के द्वारा ओवेरी की जांच की जाती है जिससे यह जांचा जाता है की ओवेरी में सिस्ट की स्थिति क्या है | इससे PCOS की गंभीरता का पता चलता है |
पीसीओएस का उपचार (PCOS Treatment in Hindi)
PCOS के उपचार के लिए उपचार निर्भर करता है की महिला या लड़की की उम्र क्या है उनमें क्या क्या लक्षण दिखाई दे रहे है | जैसे की कई लड़कियां केवल यह जानने के लिए उनके एक्ने की समस्या अधिक है और एक्ने निशान छोड़ रहे है तो उनके लिए डॉक्टर्स कुछ दवाई बताते है जो की ओरल रूप से दी जाती है |
लेकिन केवल दवाइयां लेने से ही यह समस्या हल नहीं हो जाएगी | इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना जरुरी है |
लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए अपने खाने में पौष्टिक आहार लेना होगा | ज्यादा तला भुना और शुगर युक्त, कोल्डड्रिंक आदि से बचना होगा | इसके साथ ही रोजाना एक्ससरसाइज करना बेहद जरुरी है |
यदि PCOS के कारण गर्भधारण में कठिनाई हो रही है तो डॉक्टर्स आपको ओव्यूलेशन के लिए दवाइयां दे सकते है | यह दवाइयाँ ओरल रूप से आप ले सकते है इसके अलावा कुछ मामलों में डॉक्टर्स मरीज को इंजेक्शन की भी सलाह दे सकते है |
यदि महिला को PCOS है तो गर्भधारण में कठिनाई आ सकती है लेकिन ऐसा नहीं है की वह कभी माँ नहीं बन सकती | सही ईलाज से वह गर्भधारण कर सकती है और मातृत्व का सुख पा सकती है |
PCOS की समस्या के उपचार के लिए सबसे जरुरी है डॉक्टर का सही परामर्श | इसके लिए यामी IVF & फर्टिलिटी सेंटर सबसे अच्छा विकल्प है | क्योंकि यहाँ पर अत्याधुनिक मशीनों के साथ ही आपके सभी मेडिकल परिक्षण किये जाते है और आपकी समस्या को देखने के बाद आपको उसके अनुसार ईलाज दिया जाता है |
यदि PCOS के कारण गर्भधारण में आपको समस्या आ रही है तो इसके लिए आपको दवाइयों या इंजेक्शन के द्वारा ओव्यूलेशन को आसान बना सकते है | यदि समस्या गंभीर है तो आपको डॉक्टर्स परिक्षण के बाद IUI या IVF की सलाह दे सकते है | सभी जगह से निराश हो चुकी महिलाऐं यहाँ पर डॉक्टर्स की मदद से सही ईलाज पा सकी है और आज खुशहाल जिंदगी जी रही है |
FAQ:
PCOS और PCOD में क्या अंतर है ?
PCOS और PCOD में कोई अंतर नहीं है | पहले इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज के रूप में जाना जाता था लेकिन अब इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के नाम से जानते है |
PCOS के लक्षण क्या है ?
शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होना, पीरियड्स का बहुत समय बाद आना या ना आना, माहवारी के दौरान रक्तस्त्राव बहुत कम होना, चेहरे पर मुँहासे होना, चेहरे पर बालों का आना, गर्भधारण में कठिनाई होना |
क्या PCOS वाली महिलाऐं माँ नहीं बन सकती ?
PCOS के कारण गर्भधारण में महिलाओं को कठिनाई आ सकती है लेकिन ऐसा नहीं है की वे माँ नहीं बन सकती | डॉक्टर्स से परामर्श लेकर सही ईलाज से महिलाऐं माँ बन सकती है |
PCOS की समस्या किस उम्र की महिलाओं को अधिक होती है ?
टीनएज से लेकर 35 वर्ष की महिलाओं को PCOS की समस्या अधिक हो सकती है |
PCOS की जांच कैसे करें ?
PCOS की जांच के लिए आप ब्लड टेस्ट करवा सकते है जिससे आपके हार्मोनल इम्बैलेंस का पता चल जाता है इसके अलावा पेल्विक अल्ट्रासॉउन्ड के द्वारा आपकी ओवेरी में सिस्ट है या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है |

Dr. Sankalp Singh (MBBS, MS – Obstetrics & Gynecology, FIRM, FRM – Germany) is a highly respected Reproductive Medicine and IVF specialist with over 20 years of clinical experience. He is the founder and chief consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, where he provides advanced fertility solutions including IUI, IVF, ICSI, and fertility preservation. Trained internationally, Dr. Singh combines global expertise with a compassionate approach to guide couples on their journey to parenthood. He is also deeply committed to academic teaching, clinical research, and spreading awareness about reproductive health and fertility treatments.