Medical क्षेत्र के तरक्की करने से आज हर समस्या का कोई न कोई इलाज़ जरूर है। सिर्फ इतना ही नही कई researchers और specialists में ये होड़ लगी रहती है कि वे कम से कम invasion या surgery के बिना इलाज को संभव और आसान बनाये।
ऐसी ही एक प्रभावी और कम invasive प्रक्रिया है- Laparoscopy.
Laparoscopy ने न केवल surgical उपचारों को आसान और सुरक्षित बनाया है, बल्कि बहुत सारे couples की infertility के लिए भी ये एक उम्मीद है। पर क्या laparoscopy pregnancy में भी हेल्प कर सकती है?
जी हाँ! इस ब्लॉग के द्वारा हम विस्तार से जानेंगे क्या है laparoscopy in hindi, यह कब की जाती है, इसके प्रकार कौन कौनसे है और Infertility में Laparoscopy के क्या फायदे हैं।
लेप्रोस्कोपी क्या है (Laparoscopy in Hindi)?

Image: What is laparoscopy in Hindi?
Laproscopy एक surgical और diagnostic प्रक्रिया है जिसका उपयोग प्रमुख रूप से शरीर की अंदरूनी किसी भी समस्या का निदान या फिर किसी अन्य बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसे आम भाषा में “की-होल सर्जरी(key hole surgery
)” या “बैंड-एड सर्जरी(band aid surgery)” भी कहते हैं।
ये प्रक्रिया मुख्य रूप से heart, lungs, liver, kidney, intestines, bladder, uterus, और pelvis से जुडी समस्याओं के इलाज के लिए की जाती है।
Laproscopy के दौरान एक छोटे से कैमरे (laparoscope) को एक tube के माध्यम से शरीर में डाला जाता है ताकि डॉक्टर्स body parts और उनके आस पास की संरचनाओं की तस्वीर देख सकें और उसका निरीक्षण कर सकें।
Laparoscopy का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे traditional surgery के मुकाबले ज्यादा चीर फाड़ करने के बजाय बहुत कम समय में minimal invasion के साथ पूरा किया जा सकता है।
लेप्रोस्कोपी कब की जाती है?
हालांकि शरीर की बहुत सारी समस्याओं और बीमारियों के निदान के लिए laparoscopy का उपयोग किया जाता है परन्तु यदि बात की जाए infertility की तो laparscopy का उपयोग गर्भधारण में कठिनाई और पेट और प्रजनन अंगो (reproductive organs) में समस्या की जांच करने के लिए किया जाता है।
आइये जानते हैं कि वो कौन कौनसी स्थितियां हैं जब डॉक्टर्स द्वारा महिलाओं को गर्भधारण के लिए Laparoscopy suggest की जाती है।
1. Fibroids की स्थिति में कई बार महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसे में डॉक्टर्स द्वारा Fibroids की condition देखने और उनको हटाने के आवश्यकता है या नही ये पता लगाने के लिए Laparoscopy की सलाह दी जाती है।
2. Endometriosis की स्थिति में भी डॉक्टर्स द्वारा laparoscopy का सुझाव दिया जाता है जिससे ये पता लगाया जा सके कि महिला conceive कर सकती है या नही।
3. यदि किसी महिला को PID (Pelvic Inflammatory Disease) है तो समस्या की गंभीरता की जांच के लिए भी डॉक्टर्स द्वारा laparoscopy की जाती है।
4. कई बार Fallopian Tube से जुडी कोई समस्या होने के कारण भी pregnancy नही हो पाती है, ऐसे में डॉक्टर्स द्वारा laparoscopy की सलाह दी जाती है जिससे ये पता लगाया जा सके की tube में अंदरूनी कोई समस्या तो नही। यदि fallopian tube block होती है तो unblocking के लिए भी Laparoscopic surgery की जाती है।
5. जब गर्भधारण न कर पाने के निश्चित कारणों का पता नही चल पाता है तो doctors reproductive organs की जांच करने के लिए laparoscopy करते हैं जिससे ये पता लगाया जा सके कि रुकावट का कारण क्या है।
लैप्रोस्कोपी के प्रकार:
Laproscopy सिर्फ बीमारियों के जांच की प्रक्रिया ही नही है बल्कि एक इलाज पद्धति भी है जिसके माध्यम से कम से कम चीर फाड़ के surgery की जा सके। Laparoscopy के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:
1. Diagnostic Laparoscopy:
जैसा कि नाम से clear है, डायग्नोस्टिक laparoscopy सिर्फ बीमारी और अंगो की जांच करने के लिए की जाती है।
2. Operative Laparoscopy:
Operative Laparoscopy के दौरान न सिर्फ अंगो की जांच की जाती है बल्कि surgery भी की जाती है। Operative Laparoscopy का उद्देश्य होता है अंगो का अच्छे से निरीक्षण करना तथा उपचार के लिए surgery जैसे Fibroids निकालना, endometriosis का उपचार करना, uterus में कोई गाँठ हो तो उसे हटाना आदि।
3. Robotic Laparoscopy:
Robotic Laparoscopy एक अत्याधुनिक तकनीक है जिसमे रोबोट की मदद से बेहद सटीक surgery की जाती है। इससे जटिल cases में भी सफलता की दर बहुत अधिक होती है।
लैप्रोस्कोपी के फायदे:
Laproscopy के कई फायदे हैं, जिनमे से कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
1. कम दर्द और तकलीफ:
Laparoscopic Surgery की प्रक्रिया में बहुत छोटे चीरे लगाये जाते हैं इसलिए patient को बहुत अधिक दर्द का सामना नही करना पड़ता और recovery का समय भी कम होता है।
2. कम निशान और रक्तस्त्राव:
चूँकि laproscopy में बहुत कम चीरे लगाये जाते हैं तो ऐसे में रक्तस्त्राव भी बहुत कम होता है और साथ ही skin पर बहुत कम निशान पड़ते हैं जो कि समय के साथ गायब हो जाते हैं।
3. जल्दी Recovery:
Laparoscopy traditional surgery की तुलना में कम invasive होती है इसलिए recovery भी जल्दी ही हो जाती है।
4. संक्रमण का कम खतरा:
चूँकि Laparoscopy में शरीर में बड़े चीरे नही लगाये जाते इसलिए इसमें संक्रमण का ख़तरा ना के बराबर होता है।
5. सटीक Diagnosis:
Laproscopic एक आधुनिक तकनीक है जिसमे camera से अंगो की exact तस्वीर मिलती है इसलिए इससे बिल्कुल सटीक diagnosis होता है।
6. Fertility में सुधार:
यदि laparoscopy का उद्देश्य Fibroids को हटाना, tube unblock करना या infertility की अन्य समस्याओं को खत्म करना रहा हो तो conception की संभावना बढ़ जाती है और fertility में सुधार होता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्या नुकसान हैं?
हालांकि laparoscopy एक सुरक्षित प्रक्रिया है, परन्तु फिर भी इसके कुछ जोखिम हो सकते हैं।
1. Procedure में जटिलता:
हालांकि Laparoscopy एक minimal invasive procedure है परन्तु फिर भी rare case में procedure में जटिलता हो सकती है तथा पेशेंट को लम्बे समय तक hospital में रहना पड़ सकता है।
2. गर्भाशय या अंडाशय को नुकसान:
अगर laparoscopy प्रक्रिया ठीक से नहीं की जाए तो गर्भाशय, अंडाशय या आसपास के अन्य अंगो में चोट भी लग सकती है। इसलिए laparoscopy करवाने से पहले clinic का track record चेक करें और उसके experts से खुल कर अपने सवालों के जवाब पूछें।
3. Allergy और संक्रमण:
Laproscopy में allergy और संक्रमण की संभावनाएं बहुत कम होती है परन्तु फिर भी कुछ मामलों में, मरीज को गैस (जो पेट में प्रवेश कराई जाती है) या दवाइयों से एलर्जी हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
4. Recovery में समय:
Conventional surgery के मुकाबले laparoscopy काफी आधुनिक और less painful होती है परन्तु फिर भी कुछ patients को दर्द और असुविधा हो सकती है। ये कुछ दिनों तक रह सकती है और इसीलिए recovery में भी समय लग सकता है।
लेप्रोस्कोपी करने में कितना खर्च आता है?
Traditional surgery के मुकाबले laparoscopy कम खर्चीली होती है। Laproscopy का खर्च कई सारे factors पर निर्भर करता है जैसे hospital या clinic, city, surgery का उद्धेश्य, और प्रक्रिया की जटिलता।
आम तौर पर Laproscopy की लागत औसतन ₹30,000 से ₹60,000 तक हो सकती है। यदि patient की स्थिति गंभीर हो या प्रक्रिया जटिल हो तो ये खर्चा 1 laakh ₹ या उससे ज्यादा भी हो सकता है।
क्या लैप्रोस्कोपी 100% सफल है?
ये सवाल बहुत सारे मरीजो के मन में आता है की क्या laparoscopy 100% सफल है, या उन्हें वाकई Laparoscopy करवानी चाहिए या नही। इस सन्दर्भ में Dr. Swati का कहना है कि कोई भी medical surgery या प्रक्रिया 100% सफलता की guarantee नही देती।
हालांकि laproscopy की सफलता दर सामान्यतः काफी उच्च होती है, लेकिन इसकी सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:
- Patient की उम्र कितनी है
- समस्या कितनी गंभीर है? ये ध्यान देने योग्य है कि शुरूआती stage में इलाज बेहतर परिणाम देता है।
- Surgery करने वाले doctors या experts कितने अनुभवी हैं क्यूंकि अनुभवी डॉक्टर से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
लैप्रोस्कोपी के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
हालांकि laparoscopy कम invasive और चीर फाड़ वाली प्रक्रिया है परन्तु फिर भी आपको Laproscopy के बाद कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है जैसे:
1. Surgery के कुछ दिन बाद आराम करना जरूरी होता है।
2. Surgery की प्रक्रिया होने के बाद डॉक्टर्स द्वारा कुछ दवाइयां suggest की जाती हैं जिससे आपको संक्रमण का खतरा न हो। डॉक्टर्स द्वारा बताई गयी सावधानियां बरतें और दवाइयां समय पर लें।
3. Surgery के कुछ दिन बाद तक भारी शारीरिक गतिविधियों और व्यायाम से बचें। हल्का चलना और योग करें।
4. यदि आपको तेज बुखार, असामान्य रक्तस्त्राव, दर्द आदि की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5. अपनी diet में healthy food शामिल करें और धूम्रपान और alcohol का सेवन बिलकुल न करें।
Conclusion
Laparoscopy एक प्रभावी और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कई तरह की समस्याओं की न सिर्फ सटीक जानकारी मिल सकती है बल्कि उनका इलाज भी संभव है।
कई सारे couples जो infertility या unexplained infertility का सामना कर रहे हैं उनके लिए Laproscopic Surgery काफी मददगार साबित हो सकती है।
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FAQs
लेप्रोस्कोपी के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है?
Laparoscopy direct pregnancy का proof नही होती है तथा pregnancy इस बात पर depend करती है की surgery का उद्देश्य क्या था। मान लीजिये यदि surgery के द्वारा Fibroids को हटाया गया है या फिर endometriosis का इलाज किया गया है तो गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ जाती है।
महिला की स्थिति और surgery की जटिलता भी pregnancy की संभावना को प्रभावित करती है।
कुछ मामलों में doctors 2-3 मासिक धर्म चक्रों तक प्रतीक्षा करने की सलाह देते हैं।
लेप्रोस्कोपी कब करनी चाहिए?
Laproscopy डॉक्टर्स की सलाह द्वारा करवानी चाहिए। उदाहरण के लिए जब गर्भधारण में समस्या हो, और डॉक्टर को गर्भाशय, अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी किसी समस्या का संदेह हो तो ऐसे में laparoscopy की सलाह दी जाती है।

Dr. Swati Singh (MBBS, MD – Obstetrics & Gynecology, DNB, FRM, Diploma in Reproductive Medicine and Embryology – Germany) is a leading Infertility Specialist and Gynecologist with over 18 years of experience. As Co-Founder and Senior Consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, she offers advanced fertility care including IUI, IVF, ICSI, and management of female reproductive disorders. Known for her compassionate and patient-first approach, Dr. Swati combines global training with deep clinical expertise. She is also actively involved in women’s health advocacy, medical research, and promoting awareness about reproductive wellness and fertility treatments.