IUI kya hota hai – ye ek fertility treatment hai jisme specially prepared sperm ko directly uterus mein insert kiya jata hai. Is process ka main purpose natural fertilization ko easy banana aur pregnancy chances ko improve karna hai, especially un couples ke liye jo infertility problems face karte hain.
State of World Population की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में निसंतानता से प्रभावित couples की संख्या 2025 के अंत तक लगभग 27.5 million हो जाएगी। ऐसे में जो couples निसंतानता का सामना कर रहे हैं वो कहीं न कहीं कोशिश करते हैं कि medical techniques के द्वारा उन्हें उनकी समस्या का समाधान मिल जाए और वो successfully पेरेंट्स बन सके।
ऐसे ही कुछ दम्पतियों के लिए आशा की किरण है IUI। IUI अर्थात Intrauterine Insemination (इंट्रा युटरीन इन्सेमिनेशन); एक ऐसी तकनीक जिससे निसंतानता का सामना कर रहे दम्पत्तियो को parenthood achieve करने में सहायता की जाती है।
एक साल या उससे अधिक समय से प्रयास करने वाले couples के लिए IUI एक फर्स्ट लाइन treatment है जिसमे धुले हुए sperms को सीधा बच्चेदानी में डाला जाता है।
इस ब्लॉग में Yaami Fertility Care के expert Dr. Sankal Singh, Reproductive Medicine, Infertility and IVF Specialist, द्वारा विस्तार से उल्लेख किया गया है की iui kya hota hai, iui kaise hota hai, तथा पूरा IUI process in hindi जिससे उन सभी couples की मदद की जा सके जो parenthood achieve करने की कोशिश कर रहे हैं।
IUI kya hota hai?
IUI अर्थात Intra Uterine Insemination एक ऐसी तकनीक है जिसमे शुक्राणुओं को सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है जिससे गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। यह तकनीक विशेष रूप से उन couples के लिए उपयुक है जिनमे infertility की वजह low sperm count या “falopian tube में कोई समस्या होती है।
IUI एक non-surgical और simple प्रक्रिया है। ये आमतौर पर ovulation के समय की जाती है जब महिला के शरीर में mature egg मौजूद होता है जिससे pregnancy के chances बढ़ जाए।
IUI kaise kaam karta hai?

IUI उन सभी couples के लिए अच्छा solution है जिन्हें naturally conceive करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है पर वो IVF जैसी जटिल प्रक्रिया को नहीं अपनाना चाहते।
हालाकि IUI एक जटिल प्रक्रिया नही है परन्तु इसमें कई सारी stages होती है।
आइये जानते हैं कि IUI कैसे काम करता है और इसमें कौन कौनसे steps शामिल हैं।
Step 1.
IUI का सबसे पहला step होता है पेशेंट का निरीक्षण करना जिससे IUI की success की संभावनाओं का पता लगाया जा सके।
इसलिए male और female partner की medical history और सम्पूर्ण शारीरिक जांच की जाती है जिसमे FSH, AMH, Prolactin जैसे hormones का test और semen analysis आदि शामिल है।
Step 2.
सम्पूर्ण जांच होने के बाद महिला को अंडाणु परिपक्व करने वाली और hormonal दवाएं दी जाती है जिससे quality eggs मिल सके। इस दौरान ultrsound द्वारा regular monitoring की जाती है जिससे ये पता लगाया जा सके कि egg follicle विकसित हो रहे हैं या नहीं। जैसे ही follicles विकसित अवस्था में पहुँचते हैं तो ovulation ke liye HCG injection दिया जाता है जिससे eggs पूरी तरह mature हो जाएँ।
Step 3.
जब महिला के eggs पूरी तरह विकसित हो जाते हैं अर्थात ovulation trigger करने के लगभग एक से डेढ़ दिन के समय के पश्चात male partner से sperm का सैंपल collect किया जाता है। collect किये गए samples को तकनीकी मदद से wash और तैयार किया जाता है जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि female partner की body में सिर्फ healthy sperms को ही डाला जाए और गर्भधारण के chances को और बढ़ाया जा सके।
Step 4.
स्वस्थ sperms को collect करने के बाद एक पतली कैथेटर के माध्यम से महिला के गर्भाशय में डाला जाता। ये प्रक्रिया non-surgical होती है और इसमें लगभग 5-7 min का समय लगता है। प्रक्रिया के तुरंत बाद महिला को कुछ मिनट तक लेते रहने और आराम करने की सलाह दी जाती है जिससे sperm अपनी स्थिति में बने रहे और गर्भधारण के chances बढ़ जाए।
Step 5.
IUI की प्रक्रिया सिर्फ sperms को गर्भाशय तक पहुचाने पर ही खत्म नही हो जाती बल्कि इसके बाद का समय ही IUI की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है अर्थात rest और recovery का समय। IUI के बाद महिला को हल्की ऐठन और असुविधा महसूस हो सकती है इसलिए उसे आराम करने की सलाह दी जाती है और डॉक्टर्स द्वारा समय समय पर जांच की जाती है जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि कोई गंभीर समस्या तो नही है।
IUI प्रक्रिया के 14 दिन बाद डॉक्टर्स द्वारा pregnancy test करने की सलाह दी जाती है जिससे ये पता लगाया जा सके की pregnancy हुई है या नही।
आईयूआई का उपयोग कब किया जाता है?

IUI का उपयोग उन couples के लिए किया जाता है जो प्राकर्तिक गर्भधारण में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं लेकिन IVF जैसी जटिल प्रक्रिया के लिए तैयार नही है। आइये जानते हैं वो कौनसे cases हैं जब IUI उपयोग किया जाता है:
1.कम sperm count या motility:
यदि male partner में low sperm count के कारण प्राकर्तिक गर्भधारण में परेशानी उत्पन्न हो रही हो तो IUI के माध्यम से गर्भाशय में सीधे धुले हुए sperms को डाला जाता है जिससे गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। इसके अतिरिक्त यदि sperms की गति कम हो और वो गर्भाशय तक न पहुँच पाये तो इस स्थिति में भी IUI से प्राकर्तिक गर्भधारण मुमकिन है।
2. सर्वाइकल म्यूकस की समस्या:
जिन महिलाओं में सर्वाइकल म्यूकस की समस्या होती है और sperms प्राकर्तिक रूप से गर्भाशय तक नही पहुच पाते उन्हें IUI की सलाह दी जाती है।
3. गर्भाशय की शारीरिक समस्याएं:
कभी कभी गर्भाशय में रुकावट या समस्याएं होती हैं और pregnancy में समस्याएं आती हैं। ऐसे में IUI के जरिये शुक्राणु को सीधे गर्भाशय में डाला जाता है जिससे natural pregnancy को संभव बनाया जा सके।
4. Donor Sperms का उपयोग करने वाली स्थिति में
जब गर्भधारण के लिए donor स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है तो ऐसे में गर्भधारण को संभव बनाने के लिए IUI तकनीक का उपयोग किया जाता है।
5. Unexplained Infertility
यदि fertility का कारण पता न चल जाए तो डॉक्टर्स द्वारा front-line treatment में IUI की सलाह दी जाती है।
6. Mild Endometriosis (हल्का एंडोमेट्रियोसिस)
हल्के एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति में naturally गर्भधारण में समस्या आती है ऐसे में IUI प्रक्रिया के दौरान शुक्राणु को अंडे के करीब लाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
IUI ke fayde
IUI के कई फायदे हैं जो इसे natural conception के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं:
1. कम खर्चीली और कम जटिल:
IVF के मुकाबले IUI की प्रक्रिया कम जटिल और सस्ती होती है। चूँकि ये minimal invasive होती है ऐसे में patient का recovery time भी कम होता है।
2. प्राकर्तिक गर्भधारण के समान:
कई couples सिर्फ इसलिए IVF नही करवाना चाहते क्यूंकि उन्हें लगता है की ये natural गर्भधारण नही है। ऐसे couples के लिए IUI best option है क्यूंकि इसमें medical intervention सिर्फ शुक्राणुओं को गर्भ में डालने जितना ही होता है।
3. सुरक्षित प्रक्रिया:
चूँकि IUI में कोई बड़ी surgery की आवश्यकता नही होती इसलिए ये एक साधारण उपचार है प्राकर्तिक रूप से गर्भधारण करने का।
IUI ka success rate
IUI की success rate कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे महिला की उम्र, eggs की गुणवत्ता, sperms की quality, और male और female partner की overall health factors. सामान्य तौर पर IUI का success rate 10-20% तक होता है।
चूँकि महिला की उम्र उनके eggs की quality को प्रभावित करती है इसलिए यदि महिला की उम्र 35 वर्ष से कम है तो उनका sucess rate अधिक होता है और यदि महिला की उम्र 35 वर्ष या उससे अधिक है तो ऐसे में सफलता की दर थोड़ी कम हो सकती है।
IUI ke baad kya karein?
IUI की प्रक्रिया के बाद में कुछ साधारण सी सावधानियां बरतने से उसकी सफलता के chances बढ़ जाते जाते हैं। आइये जानते हैं कि IUI के बाद क्या करें:
1. प्रक्रिया के कुछ दिन बाद तक आराम करें, ज्यादा heavy exercise और काम न करें। हल्की walk और योग गर्भधारण में फायदेमंद होता है।
2. हालांकि ये प्रक्रिया non-invasive और less surgical होती है परन्तु फिर भी यदि दर्द हो तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
3. मानसिक स्थिति का भी आपके गर्भधारण पर प्रभाव पड़ता है इसलिए नकारात्मक विचारों से दूर रहें और positive रहें।
4. IUI प्रक्रिया की सफल हुई है या नही इसका पता आप pregnancy test के माध्यम से लगा सकते हैं इसलिए IUI के 10-14 दिन बाद pregnancy test करें।
IUI kya hota hai और इसके लाभों के बारे में जानने के बाद, अब आप समझ सकते हैं कि यह एक सरल और प्रभावी प्रक्रिया हो सकती है गर्भधारण के लिए।
यह प्रक्रिया उन couples के लिए एक आदर्श विकल्प हो सकती है जो IVF से पहले एक आसान और कम खर्चीली प्रक्रिया की तलाश में हैं।
अगर आपको IUI process in hindi या इससे संबंधित कोई भी सवाल हो, तो आज ही अपना free consultation बुक करें Yaami IVF and Fertility Center के साथ। हमारी विशेषज्ञ टीम आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है।
FAQS: IUI kya hota hai
क्या आईयूआई 100% सफल है?
IUI का सफलता दर 100% नही है क्यूंकि इसकी सफलता कई factors पर निर्भर करती है जैसे महिला की उम्र, अंडाणु, sperms की quality, और overall reproductive health. सामान्यतः IUI की सफलता दर प्रति cycle 15-20% के आसपास होती है।
आईयूआई सबसे सफल कब होता है?
हालांकि IUI की सफलता कई factors पर निर्भर करती है परन्तु अत्यंत आवश्यक कारक है सही समय।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा आईयूआई सफल है?
IUI की प्रक्रिया के लगभग 14 दिन बाद pregnancy test या डॉक्टर्स की जांच से आप पता लगा सकते हैं की pregnancy हुई है या नही।
IUI karwane me dard hota hai?
IUI एक non-surgical प्रक्रिया है जिसमे कोई दर्द महसूस नही होता। परन्तु फिर भी महिलाओं को हल्की ऐंठन और असहजता महसूस हो सकती है।

Dr. Sankalp Singh (MBBS, MS – Obstetrics & Gynecology, FIRM, FRM – Germany) is a highly respected Reproductive Medicine and IVF specialist with over 20 years of clinical experience. He is the founder and chief consultant at Yaami Fertility & IVF Center, Indore, where he provides advanced fertility solutions including IUI, IVF, ICSI, and fertility preservation. Trained internationally, Dr. Singh combines global expertise with a compassionate approach to guide couples on their journey to parenthood. He is also deeply committed to academic teaching, clinical research, and spreading awareness about reproductive health and fertility treatments.